गोण्डा 13 नवम्बर,2024
बाल संरक्षण मुद्दा एक बड़ा मुद्दा है, जिसमें सभी विभागों की सहभागिता जरूरी है, इसलिए बाल संरक्षण व उनके कल्याण को लेकर सभी विभाग अपनी-अपनी भूमिका निभाएं। उक्त बातें कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित महिला कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने कही।
उन्होंने महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित निराश्रित महिला पेंशन योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, जिला बाल संरक्षण इकाई, किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समिति, बाल कल्याण एवं संरक्षण समितियों की बैठक, दत्तक ग्रहण, बाल विवाह, चाइल्ड हेल्पलाइन, बाल श्रम उन्मूलन, राजकीय सम्प्रेक्षण गृह (किशोर), बालगृह (बालिका), उ.प्र. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड व सामान्य), स्पान्सरशिप (प्रवर्तकता कार्यक्रम), मिशन शक्ति, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, वन स्टाप सेंटर, हब फॉर इम्पावरमेंट आफ वूमेन, शक्ति सदन, एन.सी.पी.सी.आर. संयुक्त कार्ययोजना, कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न व उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के प्रगति की समीक्षा की।
बैठक में जिलाधिकारी ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि विद्यालयों में सभी बाल समितियों का गठन कराना सुनिश्चित करें। जिला प्रोबेशन अधिकारी व जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया कि अवशेष वार्डों में वार्ड बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति का गठन करायें।
इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रश्मि वर्मा, क्षेत्राधिकारी सदर शिल्पा वर्मा, जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश चौधरी, जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज मौर्या, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी गौरव स्वर्णकार, पीटीओ शैलेंद्र त्रिपाठी, जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष कुमार सोनी, श्रम प्रवर्तन अधिकारी सत्येन्द्र प्रताप सिंह, सीडब्लूसी से रामकृपाल शुक्ला, यूनिसेफ के अनिल कुमार द्विवेदी, अखलाक अहमद, संतोष कुमार दूबे, जय प्रकाश यादव, चेतना सिंह, आशीष मिश्रा, पंकज कुमार राव, ऋचा तिवारी, प्रदीप जायसवाल आदि मौजूद रहे।
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