देवीपाटन मण्डल, गोण्डा 27 नवम्बर।
आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने महिला कल्याण उप निदेशक नरेन्द्र प्रताप सिंह को बिना अवकाश स्वीकृति मुख्यालय छोड़ने और झूठा आश्वासन देने के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आयुक्त ने इस कृत्य को गंभीर कदाचार मानते हुए उपनिदेशक महिला कल्याण को तीन दिनों के भीतर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है।
मंडलायुक्त द्वारा दी गई ये नोटिस न्याय पीठ बाल कल्याण समिति की रिपोर्ट के आधार दी गई है। जिसमें वन स्टॉप सेंटर की संरक्षित एक पीड़ित बालिका के मामले में देरी और उप निदेशक की गैर-उपस्थिति का मुद्दा उठाया गया था। आयुक्त ने इसे गंभीर लापरवाही और नियमों का उल्लंघन करार देते हुए कहा कि बिना अवकाश स्वीकृति मुख्यालय छोड़ना कर्तव्यहीनता की श्रेणी में रखा है। न्याय पीठ से प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी अधिकारी को किसी भी न्यायालय, फोरम या आयोग रिपोर्ट में द्वारा व्यक्तिगत उपस्थिति के लिए बाध्य करना विधि के अनुरूप नहीं है
वहीं दूसरी ओर 25 नवंबर को दूरभाष के माध्यम से उप निदेशक नरेन्द्र प्रताप सिंह को उपस्थित होने के निर्देश दिए गए थे। उन्होंने आश्वासन तो दिया, लेकिन देर रात तक न तो वे पहुंचे और न ही उनका फोन उपलब्ध था। उन्होंने उस दिन का कोई अवकाश स्वीकृत नहीं कराया था, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि उन्होंने बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ा।
आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि यदि उपनिदेशक तीन दिनों के भीतर संतोषजनक स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं करते हैं, तो उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस घटना को अधिकारियों के अनुशासन और कर्तव्य पालन को सुनिश्चित करने के एक उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है।
आयुक्त ने सितंबर 2024 में भी मंडलीय अधिकारियों को बिना अनुमति मुख्यालय न छोड़ने के निर्देश दिए थे। उन्होंने इस प्रकरण का हवाला देते हुए अधिकारियों को नियमों के पालन की सख्त हिदायत दी है।
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