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Nov 12, 2024

जिले की शान, जन-जन की अभिमान बनी एसपी वृंदा शुक्ला की पहचान!

 जिले की शान, जन-जन की अभिमान बनी एसपी वृंदा शुक्ला की पहचान!

बहराइच। प्रदेश के योगी सरकार का एक अहम उद्देश्य यूपी की सरजमी अपराध मुक्त, भयमुक्त हो। इसके लिए जिले के कप्तान की कमान भरोसे मन्दों को सौपी गई। इन्हीं कप्तानों में एक है युवा पुलिस अधीक्षक श्रीमती वृंदा शुक्ला। जो जिले की बागडोर सम्हालने के बाद कर्तव्यों के इतिश्री में गागर में सागर भरकर अपने दी गई जिम्मेदारी का इतिहास रच दिया है। जिले में अमन चैन और अपराध मुक्त, भयमुक्त समाज के लिए एसपी वृंदा शुक्ला का अभियान बगैर ब्रेक के गतिमान है। अपराधियों के विरूद्ध श्रीमती शुक्ला के पान्चजन्य शंखनाद की ध्वनि जनपद ही नहीं अपितु पड़ोसी मुल्क नेपाल के सरजमी के अपराधियों के अंर्तमन को झकझोर कर रख दिया। जिसने अनसुना कर अपराध जगत के लक्ष्मण रेखा को पार किया वृंदा शुक्ला के अभेद्य व्यूह में फंसकर कारागार पहुंचा।पुलिसिया तुम तडाक दिनचर्या शैली से सर्वथा विरक्त एस.पी.शुक्ला सरल, सौम्य, जनहित, व्यवहारिक पक्ष उजागिर कर उसकी वर्तमान सन्दर्भो प्रांसगिता पर प्रकाश डालती है। इनके कार्य करने की गूढता और उसको उद्वरित की विदवक्तता में सहज व सरल वोध गम्यता है। एसपी शुक्ला को चर्तुमुखी गौरव की विशाल गरिमा और फौलादी आत्म विश्वास से अभिसिंचित किया है  स्वयं ईश्वर ने। इनकी निष्पक्षता व बेबाकी में प्रेरणात्मक दिशा वोध मिलता है। जो निःसन्देह वृंदा शुक्ला के प्रत्येक लोकहित कार्य का श्री गणेश से समापन तक सशक्त, निष्पक्ष, प्रभावीऔर समयवद्धता इनके दृढ़ इच्छाशक्ति धारा का उर्जावान पुंज है जो इनके कर्मयोग की भावाभिव्यक्ति के रूप में नवीन अवतार में अवतरित हो उभरता है। ‘‘कीर्ति कंलकित होगी कुल की, कायर लोग कहेंगे, कर्म राह से विमुख पार्थ को कैसे लोग सहेगें।’’ यह यर्थात की भावुकता से सराबोर पक्तियों का सृजन ही इस वीरांगना तरूण आईपीएस एस.पी.शुक्ला के लिए ही वैचारिक क्रान्ति बिंदु के लिए सृजन हुई होंगीं ।

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इस मुल्क के सरहद पर निगहबान है आंखे

कश्मीर से कन्या कुमारी तक जब-जबकोई आतंकी विस्फोट हुए तो इसका असर भारत-नेपाल सीमा पर दिखाई दिया। इण्डो नेपाल बार्डर अलर्ट। 26 जनवरी, 15 अगस्त राष्ट्रीय पावन पर्व पर वार्डर अर्लट। बीते वक्त के परिवेश वर्तमान में  श्रीमती शुक्ला नें मिथक साबित कर दिखाया । सरहद से पार भारतीय जाली करेंसी के आगमन पर अब फुल स्टाप। एसपी वृन्दा शुक्ला की सरहद के निगेहबानी का नतीजा है कि जिसने सरहद पार से भारत भूमि को अपराधिक कृत्यों के लिए लाँघने का दुस्साहस किया वह शुक्ला के अभेद्य व्यूह में फंसकर जेल ही गया।  जिसका जीता जगता प्रमाण गत पिछले माह के आंकड़े है जो चुगली करते है कि रूपईडीहा वार्डर के इर्द गिर्द नेपाल के रूकुम निवासी सीता घर्ती 60 लाख भारतीय मुद्रा मूल्य की 2 किलो 200 ग्राम चरस, नेपाल के वरिलाल तथा उसकी पत्नी नरमाया चार किलो अफीम, क्रार्की नेपाल की रेखा बुढा 5 किलो चरस, रोल्पा नेपाल की सीता कुमारी आधा किलो चरस के साथ रंगे हाथो वृंदा शुक्ला के सिपहसलार थानाध्यक्ष रूपईडीहा शमशेर सिंह के हाथों गिरफ्तार हुए। इस मीठे जहर के सेवन से वृंदा शुक्ला ने पता नहीं कितने माताओं का वात्सल्य, पत्नियों के सुहाग असमय काल कलवरित होने से बचा लिया और सरहद के उस पार  और इस पार के मीठे जहर के  सौदागरों को संदेश दिया कि उस मुल्क के सरहद को..... जिस मुल्क की सरहद पर वृंदा की निगेहवान है आंखे।

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डीजी का कन्विक्शन अभियान को एसपी चढाया परवान

दो को फांसी एक है जेल

11 और 12 सितम्बर 2021 के भोर थाना फखरपुर के अन्तर्गत खेतों में दो बालक एक बालिका तथा एक महिला के  चार रक्त रंजित मिले अज्ञात शव की लोम हर्षक हत्याकाण्ड ने जनपद ही नहीं पूरे प्रदेश को हतप्रभ कर दिया। कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया। तत्कालीन एसपी सुजाता सिंह यूपी सरकार के अग्निपरीक्षा की कसौटी पर आ गई। कहां, क्या और कैसे यक्ष प्रश्न जनमानस के मानसिक पटल को कचोट रहा था। घटना अनावरण को लेकर सरकार, विपक्ष और जनमानस की निगाहें टिकी थी। पुलिस का पूरा का पूरा अमला अनावरण के तह तक जाने के लिए वेताब और जोर अजमाइस कर रहा था। 18 सितम्बर को हत्याकाण्ड के रहस्य से पर्दा उठा। तीन अभियुक्त सलमान, दानिश तथा ननकू प्रकाश में आये। आला कत्ल बरामद हुआ। मृतको में मैरी काशी कत्रायन, राजाती, जोसेफ और सौन्दर्या की पहचान हुई। जो मूलतः मुम्बई की रहने वाली थी। तीनों बच्चे मैरी काशी के थे। जो ननकू के प्रेम जाल में फंसकर अपना घर बेचकर जिन्दगी गुजारने आयी थी। धन की लालच ने उसे मौत दिया गया ।  यह एक भीभत्स्य प्रेम त्रिकोण का चौथा कोण था। इस हत्याकाण्ड के अनावरण में तत्कालीन क्षेत्राधिकारी कमलेश सिंह का योगदान अमिट और प्रशंसनीय सदैव रहेगा। सरकार ने अनावरण करने वाले कर्मवीरों को विभिन्न स्तर से पौने दो लाख का पुरस्कार दिया।डीजीपी के कन्विक्शन अभियान में एसपी वृंदा शुक्ला ने इस लोम हर्षक घटना के ट्रायल को अपने टारगेट पर लिया। वे गंभीरता से र्प्यवेक्षण कर मातहतों को आवश्यक दिशा निर्देश देती रही। दोषियों समेत सभी को लगभग यही विश्वास था कि मामला अदालत में दसो-बीसो साल तक चलेगा। लेकिन एसपी शुक्ला की सक्रियता न्यायालय की निरन्तर सुनवाई से चौकाने वाले परिणाम सामने आये। महज चार वर्ष 9 दिन में ट्रायल पूरा हुआ और प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश पवन कुमार शर्मा (द्वितीय) 27 सितम्बर 24 को अभियुक्त सलमान और ननकू को सजा-ए-मौत की सजा का हुक्म सुनाया। दानिश किशोर था जो उसका ट्रायल चल रहा है। ईश्वर ने एसपी शुक्ला को जैसी करनी वैसी भरनी सजा के सेतु सरीखे दायुक्त निर्वहन के लिए बहराइच भेजा।  निःसंदेह यदि उन चारो की आत्माए भटकती होगी तो एसपी शुक्ला को आशीष देकर तृप्त हो गई होगी।

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जुवांडियों की जड़े तबाही के मुंहाने पर

सर्व विदित है कि दीवाली आगमन के पूर्व से जनपद में गुप्त स्थानों पर जुओ के अड्डे सज जाते रहे। अधिकांश इन अड्डों के संचालकों पर पुलिस महकमें के कतिपय ओहदेदारो द्वारा कृपा दृष्टि  बारिश के कारण निर्वाध गति से जुओं के अड्डे निर्बाध गति से संचालित होते रहे। एसपी वृंदा शुक्ला की व्रक दृष्टि इधर गोचर हुई तो अप्रत्याशित परिणाम समाने आये ही नहीं वरन जुआरियों की जड़े तबाही के मुहाने पर आ गए। गत दिवस नाजिरपुरा में एसपी द्वारा जो कार्रवाई की गई उसका दूर-दूर तक संदेश गया कि महकमेंके अलावा भी उनके सूचना दाताओं की भी एक अलग फेरहिस्त है। हालांकि एसपी के इस सफलता पूर्ण अभियान से जुओ में हार- जीत पर विराम लगने से पता नहीं कितनी सुहागिनों केश्रृंगार के जेवर मंगलसूत्र , पिता-पुत्र के खून पसीने की पाई - पाई कमाई  बच जायेगी। वेटियों के हाथ पीले होने के अरमान साकार हो जायेंगे। तास के 52 पत्तों में पिस कर हारने वाले के अवसाद का हरण होगा तथा जीतने वाले के खुशियों पर तुषारापात। संरक्षणदाता मोहकमें के ओहदेदारो की भी विदाई भी बडे वे आबरू ढंग से श्री मती शुक्ला कर देंगी इसका बखूबी भान हो गया है । फणो के  साज में गिरी की गाज का दर्द भला इंस्पेक्टर. दरोगा. दीवान और बीट सिपाहियों से भला जाने।जिनकी  थानों से विदाई चर्चा का चटखारा बना है।

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