आधी आबादी को सशक्त बनाने के लिए बाल विवाह को रोकना जरूरी- उपजिलाधिकारी कैसरगंज
कैसरगंज/बहराइच,– स्वास्थ्य विभाग के मार्गदर्शन में मोबियस फाउंडेशन की वित्तीय सहायता से पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा संचालित उम्मीद परियोजना के अंतर्गत एक अंतर्विभागीय बैठक का आयोजन तहसील सभागार में जॉइंट मजिस्ट्रेट/उपजिलाधिकारी आलोक प्रसाद (आई.ए.एस.) की अध्यक्षता में किया गया। इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग, पंचायती राज विभाग, शिक्षा विभाग, आजीविका मिशन, आईसीडीएस, भारत स्काउट्स एंड गाइड्स सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी सम्मिलित हुए।बैठक का मुख्य उद्देश्य परिवार नियोजन और बाल विवाह उन्मूलन कार्यक्रमों में विभागीय समन्वय को सुनिश्चित करना था। पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के बी.के. जैन ने बताया की उम्मीद परियोजना के तहत सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में परिवार नियोजन कॉर्नर की स्थापना, किट वितरण और स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने जरवल ब्लॉक में बाल विवाह विरोधी अभियान की प्रगति पर भी जानकारी दी, जिसमें स्कूलों और समूह बैठकों के माध्यम से जागरूकता फैलाई जा रही है।
बाल विवाह विरोधी कार्यक्रमों पर विशेष जोर-
उपजिलाधिकारी अलोक प्रसाद ने कहा, "सभी विभागों के समन्वित प्रयासों से बाल विवाह जैसी कुरीतियों को समाप्त किया जा सकता है। कैसरगंज, जरवल और फखरपुर के विद्यालयों में बाल विवाह विरोधी कार्यक्रमों का आयोजन कर किशोर-किशोरियों को जागरूक किया जाए।" उन्होंने सभी विभागों को निर्देशित किया कि सेवाओं को समुदाय तक प्रभावी ढंग से पहुंचाने के लिए हर संभव कोशिश करें। आधी आबादी को सशक्त बनाने के लिए बाल विवाह को रोकना है जरूरी।आपसी समन्वय से परिवार नियोजन कार्यक्रम को मिलेगा बल –कैसरगंज की खण्ड विकास अधिकारी सुश्री अपर्णा ने कहा कि सभी विभागों द्वारा कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के लिए कार्य किये जाएँ, किशोरियों को पढ़ने के लिए और उनके माता विवाह को बाल विवाह न करने के लिए अभियान चलाकर जागरूक किया जाएँ, क्योकि कम उम्र में विवाह होने से न केवल माँ और बच्चों के स्वास्थ्य पर बल्कि समाज के विकास पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षक डॉ कुंवर रीतेश,ने विभागीय समन्वय के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि "इस प्रकार की बैठकें से और विभागीय समन्वय से स्वास्थ्य विभाग के कार्य को और बल मिलता है, जिससे बेहतर परिणाम भी आतें है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षक डॉ एन.के.सिंह और डॉ नरेन्द्र सिंह ने कार्यक्रम के अंतर्गत पहल का स्वागत किया।बैठक में उपस्थित इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्यों ने सुझाव दिया कि विद्यालयों में बाल विवाह विरोधी कार्यक्रमों की शुरुआत की जा सकती है और पैरेंट्स-टीचर मीटिंग में इस विषय पर चर्चा कर जागरूकता बढ़ाई जा सकती है।इस बैठक में कैसरगंज, जरवल और फखरपुर के ए.डी.ओ. पंचायत, ए.डी.ओ. (आई.एस.बी.), सी.डी.पी.ओ., खंड शिक्षा अधिकारी, विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाचार्य, एन.आर.एल.एम. के ब्लॉक मिशन मैनेजर,, बी.पी.एम.आदित्य,बीसीपीएम शकील, पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया से अभिषेक पाठक, साफिया जमीर समेत अन्य अधिकारियों की उपस्थित रहे।
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