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Nov 21, 2024

मां वैष्णो के भंडारे में आयोजित हुआ कवि सम्मेलन

कर्नलगंज/गोंडा- क्षेत्र के उदिया पुर तरहटा में मां वैष्णो देवी के 7 वें भंडारे के अवसर पर शोभा राम जनसेवा केंद्र के तत्वावधान में विराट कवि सम्मेलन-मुशायरा आयोजित हुआ। फैज़ाबाद,अयोध्या से पधारे रामानन्द सागर ने अध्यक्षता करते हुए वाणी वन्दना की जबकि सगीर सिद्दीकी ने नात पेश की। याक़ूब सिद्दीकी 'अज़्म' व रवीन्द्र पाण्डेय 'रवि' के संयुक्त संचालन में दूर दराज़ के शायरों के साथ क्षेत्रीय कविगण ने माहौल को गंगा जमुनी बनाया।आयोजक आनंद सिंह भदौरिया ( अन्नू भइया) ने गुलदस्ते से सबका स्वागत किया।अध्यक्षता कर रहे रामानन्द सागर ने कहा–
दिन भर उनको सिर्फ पकाना आता है–खाने में बस भेजा खाना याद आता है।
सलीम ताबिश लखनवी ने कहा–
लहू बहाया है आज़ादी के लिए हम ने–हमारे सीनों में हिन्दोस्तान ज़िंदा है।
फ़ौक़ बहराइची ने कहा–
वतन के इश्क में सब कुछ लुटाना पड़ता है–चराग़ जलता नहीं है जलाना पड़ता है।
फैज़ कुमार बाराबंकवी ने मुहब्बत पर कहा–
मुहब्बत–मुहब्बत बहुत कर रहा है–अभी इस के पीछे ज़माना पड़ेगा।
पी० के० 'प्रचण्ड' बहराइची ने अपनी बेबसी बताई–
मुफलिसी बदहाल जीवन से घिरी बस्ती में हूं
जो भंवर में है फंसी बस मैं उसी कश्ती में हूं।
कृष्ण कुमार सिंह 'दीप' ने कहा–
संविधान का गला घोंटने वाले हैं स्वच्छंद यहां–सत्य मार्ग पर चलके देखो दरवाज़े हैं बंद यहां।
रईस सिद्दीकी बहराइची ने कहा–
आहें भरना,कभी रोना,कभी हंसना पल में–आदमी इश्क में बच्चों की तरह होता है।
ज़ाहिद बाराबंकवी ने कहा–
बस इस लिए ग़रीब ने कम्बल नहीं लिया–फोटो न कोई खींच ले अखबार के लिए।
ज्योतिमा शुक्ला 'रश्मि' ने सलाह दी–
रात की बात को मत सुबह कीजिए–ज़िंदगी क़ीमती है सुलह कीजिए।
मेराज शिवपुरी (नानपारा) ने कहा–
गर पड़ोसी तुम्हारा भूखा हो–फिर तो खाना हराम है भाई।
साथ ही मुजीब सिद्दीकी,जुनैद अशरफ सुल्तानपुरी, बम्पर बहराइची,कौसर सलमानी,अजय श्रीवास्तव,रशीद माचिस,तनवीर नूरी जरवली,उत्तम कुमार शोला,यासीन राजू दुर्रानी,अभिषेक श्रीवास्तव,इमरान मसऊदी,मेराज जरवली ने कलाम पेश किये।इस अवसर पर संजय सिंह,इंद्र बहादुर सिंह,मोहर्रम अली,हर विन्दर, ज़ियाउद्दीन, हाफ़िज़ शमीम, अरविन्द सिंह,सलाहुद्दीन,अकरम सहित अन्य उपस्थित रहे।आनंद सिंह अन्नू के धन्यवाद ज्ञापन पर कार्यक्रम संपन्न हुआ।

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