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Oct 20, 2024

महाराजगंज में बुलडोजर कार्रवाई पर 15 दिनों के लिए रोक उच्च न्यायालय द्वारा रविवार शाम सुनवाई कर दिया गया फैसला

 महाराजगंज में बुलडोजर कार्रवाई पर 15 दिनों के लिए रोक

उच्च न्यायालय द्वारा रविवार शाम सुनवाई कर दिया गया फैसला

बहराइच। महाराजगंज हिंसा के आरोपियों के घरों पर बुलडोजर कार्रवाई पर लखनऊ उच्च न्यायालय द्वारा 15 दिनों के लिए रोक लगा दी गई है । मामले में हाई कोर्ट द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार से तीन दिनों में पक्ष रखने का निर्देश दिया है।  मामले में दिल्ली की एपीसीआर संस्था ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य अभियुक्त की बेटी की तरफ से वाद दायर किया था। रविवार शाम को मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई हुई इसके बाद न्यायालय द्वारा फैसला देते हुए 15 दिनों के लिए रोक लगाने का आदेश जारी किया गया ।ज्ञातव्य हो कि हरदी थाना क्षेत्र के महराजगंज बाजार बीते रविवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान हुए उपद्रव में एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसे लेकर दूसरे दिन हिंसा भड़क गई। कई लोगों के दुकान और मकानों को आग के हवाले कर दिया गया था। इसके बाद पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड की ओर से महराजगंज के 23 लोगों को नोटिस जारी कर 3 दिन में जवाब मांगा गया था। नोटिस का जवाब न मिलने पर सभी के मकान पर बुलडोजर की कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी।इसको देखते हुए दिल्ली की एपीसीआर संस्था के मुख्य कार्यकारी सैयद महफूजुर रहमान ने लखनऊ हाईकोर्ट में अधिवक्ता सौरभ शंकर श्रीवास्तव के जरिए वाद दायर करवाया था। रविवार शाम को मामले की सुनवाई हुई। जिसमें लखनऊ हाईकोर्ट के वरिष्ठ जज आर मसूदी व सुभाष विद्यार्थी की टीम ने मामले की सुनवाई की।अधिवक्ता सौरभ शंकर श्रीवास्तव ने बताया कि जजों की टीम ने सुनवाई करते हुए मामले में सरकार से 3 दिन में जवाब मांगा है जिसमें उनसे पूछा गया है कि यह सड़क ग्रामीण है या शहरी है। इसके अलावा सभी ग्रामीणों को 15 दिन का समय दिया गया है कि वह सभी अपना पक्ष पीडब्ल्यूडी कार्यालय में प्रस्तुत करें। ऐसे में बुलडोजर की कार्रवाई 15 दिन के लिए रोक दी गई है। महाराजगंज निवासी मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद की बेटी रुखसार और दो अन्य लोगों ने एपीसीआर संस्था के सहयोग से सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई नहीं हो सकी है।

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