सोमवती अमावस्या पर महिलाएं पति की सुख वृद्धि की कामना को लेकर करेगी पीपल वृक्ष की पूजा
फखरपुर, बहराइच। भारत हमेशा से ही त्योहारों एवं उत्सव महोत्सव का देश रहा है। जिसमें तरह-तरह के रंग बिरंगी त्यौहार एवं उत्सव समय-समय पर मनाए जाते रहे हैं। उसी क्रम में एक बहुत ही सुंदर एवं पवित्र सोमवती अमावस्या का त्यौहार भी उसमें से एक है। जिसको सुहागन स्त्री बड़ी धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मानती हैं। स्नान दान एवं श्राद्ध सहित सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल दिन सोमवार को है। सोमवती अमावस्या में स्त्रियां पति की सुख वृद्धि की कामना से पीपल वृक्ष की जड़ में भगवान विष्णु की प्रतिष्ठा मनाते हुए विधि विधान से पूजा करती हैं एवं विहित मंत्र अश्वत्थ मूले का उच्चारण करते हुए पीपल वृक्ष की 108 परिक्रमा करती हैं जो बड़ा ही शुभदायक होता है। आचार्य रमेश चंद्र शास्त्री महाराज ने बताया कि वर्ष के अंत में चैत्र कृष्ण अमावस्या सोमवार तद अनुसार 8 अप्रैल सन को खग्रास सूर्य ग्रहण लगेगा किंतु यह ग्रहण भारत में कहीं भी दिखाई नहीं देगा। अतः इसकी कोई भी मान्यता अपने देश भारत में नहीं है इसलिए इसका समय विवरण देना अप्रसांगिक है।
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