गोण्डा - श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज गोण्डा के बीएड में शुक्रवार को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया गया, जिसमें स्वामी विवेकानन्द जी के शैक्षिक एवं दार्शनिक विचारों की वर्तमान में प्रासंगिकता पर एक विचार पर गोष्ठी हुई। आयोजन में बी. एड.प्रथम वर्ष एवं द्वितीय वर्ष के छात्राध्यापक/छात्राध्यापिकाओं ने स्वामी विवेकानन्द जी के जन्म से लेकर दार्शनिक एवं शैक्षिक विचारों पर विस्तृत चर्चा किया । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बी.एड.विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर श्याम बहादुर सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी तीन कारणों से प्रसिद्ध हैं ।
पहला वे श्री रामकृष्ण परमहंस जी के शिष्य थे, दूसरा उन्होंने शिकागो में जो भाषण दिया था जिसके चलते वो लोकप्रिय हुए और तीसरा वे युवाओं के सन्यासी हैं। उन्हें सबसे ज्यादा प्रसिद्धि शिकागो में दिए अपने भाषण से मिली। स्वामी विवेकानन्द जब तक नरेन्द्र थे बहुत ही तार्किक थे,नास्तिक थे,मूर्तिभंजक थे। राम कृष्ण परम हंस ने उनसे कहा भी था कि कब तक बुद्धिमान बनकर रहोगे, इस बुद्धि को गिरा दो समर्पण भाव में आओ तभी सत्य का साक्षात्कार हो सकेगा अन्यथा नहीं। तर्क से सत्य को नहीं जाना जा सकता। विवेक को जागृत करो, विवेकानंद को राम कृष्ण परम् हंस की बातें जम गई बस तभी से वे विवेकानन्द हो गए।।मंच का संचालन अशीष दूबे ने किया।इस विचार गोष्ठी के सचिव असि. प्रोफेसर डॉ.नीरज यादव व असि.प्रो. डॉ. लोहंश कुमार कल्याणी रहे, इस अवसर पर युवा नेता व समाज सेवी तथा श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष उमेश शुक्ला ने कहा कि अगर जीवन में अपने लक्ष्य को निर्धारित करते हुऐ अच्छे गुरू के निर्देशन में लक्ष्य की प्राप्ति में विचारों को आत्मसात करके कार्य करेंगे तो निश्चित ही अपना, परिवार, समाज, राष्ट्र एवं विश्व के लिए कल्याण कारी हो सकते हैं। इस आयोजन में बी. एड. विभाग के अन्य प्राध्यापक राजेन्द्र मिश्र व श्रीमती प्रतीभा सिंह, अमरजीत वर्मा, रवि कुमार का सराहनीय योगदान रहा।इस अवसर पर साक्षी तिवारी, सौम्या, अतुल द्विवेदी, इफ्तिखार अहमद,अरुण श्रीवास्तव, गायत्री, सुनैना, सुनीता, सविता, नायमा, सुलभा तिवारी, साक्षी दूबे, शरद शुक्ल, रवि प्रजापति, मुकेश, संजू वर्मा, संध्या पाण्डेय आदि छात्राध्यापक एवं छात्राध्यापिका उपस्थित रहे।
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