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Jul 18, 2023

बाढ़ के दौरान लाईफ जैकेट के साथ हो मोटर बोट व नावों का संचालन: डीएम

 बाढ़ के दौरान लाईफ जैकेट के साथ हो मोटर बोट व नावों का संचालन: डीएम 


बहराइच । जिले में संभावित बाढ़ के दौरान राहत व बचाव कार्य हेतु विभिन्न विभागों द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी मोनिका रानी ने निर्देश दिया कि विभागीय कार्ययोजना में शामिल कार्मिकों के मोबाइल नम्बर की जांच पड़ताल कर अनिवार्य रूप से क्रियाशील नम्बर ही लिखे किये जाएं। कम्युनिकेशन प्लान में बाढ़ प्रभावित गांव के 20 से 25 लोगों के नम्बरों का भी उल्लेख किया जाय ताकि बाढ़ के समय सम्बन्धित लोगों से फीड बैक प्राप्त कर आवश्यक कार्यवाही की जा सके। खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि बाढ़ प्रभावित ग्रामों में ही उपयुक्त स्थान का चयन कर ऊंचे प्लेटफार्म बनवा दिये जायें ताकि ऐसे लोग जो बाढ़ के दौरान ग्राम नहीं छोड़ते ऐसे सुरक्षित स्थानों पर शरण ले सकें। 


सोमवार को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक के दौरान नाव एवं मोटर बोटों की उपलब्धता की समीक्षा करते हुए डीएम ने निर्देश दिया कि नावों एवं मोटर बोटों पर लाईफ जैकेट की व्यवस्था की जाए तथा यह भी सुनिश्चित किया जाय कि किसी भी दशा में क्षमता से अधिक लोग सवार न हों। नावों एवं मोटर बोटों का संचालन प्रशिक्षित एवं अर्ह लोगों के माध्यम से कराया जाय। चालकों को स्पष्ट निर्देश दे दिये जाएं किसी भी बोट या नाव पर क्षमता से अधिक लोग सवार न होने पाएं। बाढ़ के दौरान प्रभावित लोगों को राशन वितरण के लिए तैयार की गई कार्ययोजना की समीक्षा के दौरान डीएम ने निर्देश दिया कि सम्बन्धित ग्राम में जाकर ही लोगों को निर्धारित मात्रा व क्वालिटी की खाद्य सामग्री का वितरण किया जाय। बाढ़ के दौरान तथा बाढ के उपरान्त संचारी रोगों के प्रसार की संभावना को देखते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिया गया कि प्रभावित ग्रामों में व्यापक स्तर पर साफ-सफाई की कार्य योजना तैयार कर लें। मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया गया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के बीमार एवं गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर बाढ़ आने से पूर्व ही सम्बन्धित ग्राम के नज़दीकी चिकित्सालयों में शिफ्ट करा दिया जाय। बचाव एवं राहत कार्यों के चिन्हित बाढ़ राहत केन्द्रों, बाढ़ चौकियों एवं शरणालय स्थलों का पुनः निरीक्षण कर व्यवसथाओं का जायज़ा ले लें। यदि आवश्यकता हो तो तदनुसार प्रसाधन, पेयजल, विद्युत एवं वैकल्पिक व्यवस्था हेतु सोलर लाईटों व पैट्रोमैक्स की व्यवस्था कर ली जाय। शरणालय स्थलों पर साफ-सफाई के बेहतर से बेहतर प्रबन्ध रखे जाएं। डीएम ने तहसीलों को स्पष्ट निर्देश दिया कि आपदा से प्रभावित लोगों को विलम्बत 48 घण्टे के अन्दर राहत पहुंचाना सुनिश्चित करेंगे। इस कार्य में हीला-हवाली क्षम्य नहीं होगी। बैठक के दौरान डीएम ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि ज़ूम मीटिंग व वीडियो कॉल के माध्यम से ग्राम स्तरीय विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उपस्थित का रैण्डमली जायज़ा लेते रहे तथा अनुपस्थित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही भी करें। डीएम ने यह भी कहा कि ग्राम स्तरीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देशित कर दिया जाय कि गम्भीर प्रकरणों में व्हाट्सएप के माध्यम से सेम-डे आख्या प्रेषित करें ताकि प्रकरणों का समयबद्धता के साथ निस्तारण हो सके। खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि भारी वर्षा के उपरान्त गौशालाओं का अनिवार्य रूप से निरीक्षण कर वर्षा के कारण जलभराव या अन्य समस्याओं का तत्परता के साथ निराकरण कराया जाय। बीडीओं को यह भी निर्देश दिये गये कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार हैण्डपम्पों के प्लेटफार्म को ऊंचा करा दें ताकि लोगों को बाढ़ के दौरान स्वच्छ पेयजल मिलता रहे। बीडीओं को यह भी सुझाव दिया कि ब्लाकों पर टेन्ट का भी प्रबन्ध कर लिया जाय ताकि आवश्यकता पड़ने पर लोगों को ठहराने में किसी प्रकार की असुविधा न रहे।इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना, मुख्य राजस्व अधिकारी अवधेश कुमार मिश्र, अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी, डीएफओ बहराइच संजय शर्मा, सीएमओ डॉ. एस.के. सिंह सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी, उप जिलाधिकारी व खण्ड विकास अधिकारी मौजूद रहे।

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