रिसार्ट जैसी सुविधाओं से आच्छादित होंगे जिले के कम्युनिटी शेल्टर होम
महिला सशक्तिकरण को समर्पित है मंझारा तौकली में निर्मित पिंक शेड
बाढ़ के दौरान चैन के साथ रह सकेंगे पीड़ित परिवार
सभी मूलभूत सुविधाओ से आच्छादित होंगे शेल्टर होम
जनपद बहराइच में कम्युनिटी शेड का निर्माण
बहराइच । प्रत्येक वर्ष बाढ़ की विभीषिका का सामना करने वाले जनपद बहराइच के बलहा, मिहींपुरवा, शिवपुर, महसी, फखरपुर, कैसरगंज तथा जरवल ऐसे विकास खण्ड हैं जो बाढ़ के दौरान प्रभावित होते है जिससे इन ब्लाकों में निवास करने वाली लाखों की जनसंख्या पूरी तरह से अथवा आंशिक रूप से प्रभावित होती है। यूनीवर्स की गहराईयां नापने, चांद पर कदम रखने तथा मंगलग्रह पर रोबोटिक यान भेजने के बावजूद आज की विकसित तकनीक इतनी विकसित नहीं हो सकी है कि प्राकृतिक आपदाओं जैसे ग्लोबल वार्मिंग, बाढ़, सूखा व चक्रवात जैसी विपदाओं के पैर में ज़ंजीर डाल सके।इन सबके बावजूद मौसम के बेहतर पूर्वानुमान, अर्ली वार्निग अलार्म सिस्टम, सूचनाओं के बेहतर आदान-प्रदान, राहत एवं बचाव के लिए फुलप्रूफ कार्ययोजना, जनजागरूकता, प्रशिक्षण, त्वरित रेस्क्यू आपरेशन्स, यातायात के अच्छे संसाधनों, मार्गों के सुदृढ़ीकरण, संचारी रोगों के उपचार, एण्टीवेनम तथा जीवन रक्षक दवाओं एवं उपकरणों, लाईफ ब्वाय, बाढ़ से पूर्व पशुओं के उपचार एवं टीकाकरण, लाईफ जैकेट, नावों एवं मोटरों की पर्याप्त उपलब्धता, अथाह जलराशि के बीच रेस्क्यू के लिए प्रशिक्षित फ्लड पीएसी एव एनडीआरएफ की बटालियन तथा आपदा मित्र जैसे स्वयंसेवकों, सुरक्षित तटबन्धों, बाढ़ व कटान रोधी कार्यों, बाढ़ पीड़ितों एवं उनके पशुओं को बाढ़ राहत शिविर तक लाकर उन्हें भोजन के साथ चिकित्सा एवं मूलभूत सुविधाएं तथा बाढ़ के कारण हुई क्षति के लिए मुआवज़ा देकर बाढ़ से होने वाली को क्षति को न्यून से न्यूनतम कर पीड़ित जनों को राहत पहुंचाने का कार्य जिला प्रशासन बीते वर्षों से सफलतापूर्वक करता आ रहा है। यूनीवर्सल ट्रूथ की तरह प्रत्येक वर्ष जिले को बाढ़ की चपेट में लेने वाली बाढ़ पीड़ित परिवारों को जानी व माली नुकसान तो पहुंचाती ही थी साथ ही तेजगामी जल धाराओं के साथ ग्रामवासियों की सामुदायिकता को भी बहा कर ले जाती थी। बाढ़ की यह चोट शायद ग्रामवासियों को आर्थिक व जानी नुकसान से ज्यादा अखरती थी। प्रायः रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर आने वाले लोगों की इकाई ग्राम व परिवार में बिखराव दिखाई देता था। अपनी सुविधा के अनुसार बाढ़ शरणालयों या परिजनों के यहां सर पर छत होने के बावजूद सामुदायिकता की कमी उन्हें बेचैन रखती थी।बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान जिलाधिकारी मोनिका रानी ने ग्रामवासियों के इस कर्ब को अत्यन्त गम्भीरता के साथ महसूस ही नहीं किया बल्कि बेहतर विकल्प के रूप में मनरेगा योजना के तहत कम्युनिटी शेल्टर व हॉट बाज़ारों का निर्माण करने तथा निर्मित स्थलों को सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाओं से आच्छादित करने के फरमान जारी किये ताकि पीड़ित परिवारों को सामुदायिकता की कमी न अखरे और बाढ़ जैसी विपदा के समय भी पीड़ित जन बिना बिखराव के एक इकाई परिवार व ग्राम के रूप में सुरक्षित ढंग से रह सकें। जिलाधिकारी मोनिका रानी के निर्देश पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के अन्तर्गत ब्लाक बलहा में 07, कैसरगंज में 02, महसी में 03 तथा मिहींपुरवा में 03 अदद कम्युनिटी शेड तथा 02 स्थानों पर हाट बाज़ार के शेड, फखरपुर के मंझारा तौकली में 05 शेड जिसमें एक पिंक शेड महिलाओं के लिए एवं एक शेड पशुओं के लिए तथा विकास खण्ड शिवपुर की पांच ग्राम पंचायतों में भी कम्युनिटी शेड का निर्माण कराया गया है। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए बनाये गये कम्युनिटी शेड में स्वच्छ पेयजल व शौचालय की सुविधा कन्वर्जेंस के माध्यम से उपलब्ध कराई गई है। यहॉ पर ठहरने वाले परिवारों के लिए प्रकाश की समुचित व्यवस्था की गई तथा वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में बैटरी से चलने वाले लालटेन भी उपलब्ध रहेगी। जिलाधिकारी के इस अभिनव प्रयास को बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए सराहनीय प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
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