लखनऊ - यूपी नगर निकाय चुनाव में फिर पेंच फंसने के आसार नजर आ रहे हैं. दरअसल, नगर निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर गुरुवार को हाईकोर्ट सुनवाई होनी है। जस्टिस राजन रॉय और मनीष कुमार की बेंच में याचिका पर सुनवाई होगी। निकाय चुनाव को लेकर नगर विकास विभाग ने आरक्षण सूची नगर निगम, नगरपालिका औऱ नगर पंचायतों के हिसाब से जारी कर दी है। वार्डों के आरक्षण में बदलाव नहीं हुआ है।ऐसे में माना जा रहा है कि मई के पहले हफ्ते में चुनाव कराए जा सकते हैं, लेकिन अगर याचिका पर कोर्ट ने कोई फैसला दे दिया तो फिर अड़ंगा लग सकता है। इस बीच निर्वाचन आयोग ने चुनाव को लेकर कवायद तेज कर दी है. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए 40 जिलों के अधिकारियों के साथ राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बैठक की.निकाय चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग की इस बड़ी बैठक में जिलों के डीएम और एसपी मीटिंग में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये मौजूद रहे। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने इन जिलों के पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के साथ भी बैठक की। दरअसल, उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव जनवरी में पिछली बार घोषित किए गए थे। लेकिन ओबीसी आरक्षण में ट्रिपल टेस्ट का फार्मूला अमल में न लाए जाने को लेकर हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी. इसके बाद कोर्ट ने नए सिरे से आरक्षण प्रक्रिया का पालन करने की अनुमति उत्तर प्रदेश सरकार को दी थी।इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडेय का कहना है कि नगर निकाय उत्तर प्रदेश चुनाव 2023 के लिए अध्यादेश के लिए जो बदलाव किए गए हैं, उन्हें सभी को समझना चाहिए. इसको लेकर भ्रम की स्थिति दूर होनी चाहिए।
Apr 5, 2023
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