ज्ञापन में मान्यता की शर्त संशोधन के निर्णय को वापस लेने के साथ ही वित्त विहीन शिक्षकों की सेवा नियमावली बनाकर उचित मानदेय देने की मांग की। वहीं पुरानी पेंशन नीति बहाल किए जाने, बोर्ड परीक्षा मूल्यांकन की बकाया धनराशि भुगतान किए जाने, तदर्थ शिक्षकों को विनियमित कर मदरसा शिक्षकों के केन्द्र का अंश भुगतान करने का भी मुद्दा उठाया। जिलाध्यक्ष प्रभुनाथ पाण्डेय ने कहा कि 2019 से बोर्ड परीक्षा मूल्यांकन की बकाया धनराशि का भुगतान अभी तक नहीं किया गया।
शिक्षा में 80 प्रतिशत की भागीदारी करने वाले वित्त विहीन शिक्षक भुखमरी के शिकार पर हैं। मदरसे के आधुनिक शिक्षकों के वेतन का केन्द्र का अंश भुगतान नहीं किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में यदि 6 सूत्रीय मांगों का निस्तारण न हुआ तो 18 मार्च से होने वाले बोर्ड परीक्षा मूल्यांकन का वित्त विहीन शिक्षक बहिष्कार करेंगे। ज्ञापन देने वालों में अर्जुन यादव, रजवन्त यादव, अरविन्द वर्मा, शिवा जी गुप्ता, बृजेश कुमार राय, रमाशंकर पाण्डेय, शैदा हुसैन, रवि पाल, केके श्रीवास्तव और बृजेन्द्र जायसवाल आदि शामिल रहे।
रुधौली बस्ती से अजय पांडेय की रिपोर्ट
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