गोरखनाथ मंदिर परिसर में आतंकी हमले के आरोपी मुर्तजा अब्बासी को एनआईए और एटीएस की संयुक्त कोर्ट ने कल सोमवार को सजा-ए-मौत सुनाई है। उसने गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी जवानों पर बांका से हमला करके समाज में भय और नफ़रत फैलाने का काम किया था। उनसे पीएसी के जवानों से हथियार छिनने का प्रयास किया था। जिसके बाद उसे मौके से गिरफ्तार किया गया था। आइए जानने की कोशिश करते हैं, कि एक रसूखदार परिवार के वारिस IIT पासआउट केमिकल इंजीनियर मुर्तजा अब्बासी आखिर जेहादी बनने के पीछे असली वजह क्या है
आतंकी अहमद मुर्तजा अब्बासी का ताल्लुकात गोरखपुर के एक पुश्तैनी अमीर परिवार से है। मुर्तजा और उसका परिवार सिविल लाइंस में रहता है। पिता मल्टीनेशनल कंपनियों के कानूनी सलाहकार हैं। चाचा डॉ. केए अब्बासी शहर के सुप्रसिद्ध चिकित्सकों में शुमार होते हैं। वह सिविल लाइन पार्क रोड रोड स्थित अब्बासी नर्सिंग होम के संचालक भी हैं। मुर्तजा के दादा गोरखपुर के जिला जज भी रह चुके हैं। दादा के छोटे भाई का नाम शहर के नामी चार्टेड अकाउंटेंट्स में से एक रहा है परिवार के लोगों के अनुसार, मुर्तजा ने नर्सरी तक की पढ़ाई गोरखपुर में ही की थी। इसके बाद वे मुंबई चला गया। मुंबई में मुनीर का फ्लैट है। बीच बीच में वे मुंबई जाते रहते थे। मुर्तजा यहां अकेले रहकर नवी मुंबई के डीएवी कॉलेज से उसने दसवीं और बारहवीं की पढ़ाई अच्छे नंबर से उत्तीर्ण की उसके बाद 2015 में IIT से इंजीनियरिंग पास आउट किया।
आतंकवादी विरोधी दस्ते (एटीएस) सूत्रों के अनुसार गिरफ्तारी के दौरान पूछताछ में मुर्तजा ने यह स्वीकार किया था कि उसका ब्रेनवाश हो चुका है। उसे मौत से कोई भय नहीं है । इतना ही नहीं, पड़ताल में यह भी सामने आया था कि मुर्तजा के जेहन में पढ़ाई के दौरान ही मानसिक जहर भरता चला गया था। वह शुरू से सोशल साइट्स पर जाकिर नाईक जैसे कट्टरपंथियों के वीडियो देखता था। साथ ही ऐसी विचारधारा वाले कट्टरपंथियों और आतंकियों को फॉलो भी करता था।
4अप्रैल 2022 को अहमद मुर्तजा अब्बासी ने गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी जवान अनिल कुमार पासवान पर बांके से अचानक हमला कर दिया था। अब्बासी ने उसकी राइफल छीनने की भी कोशिश की थी, जिससे छीनाझपटी में राइफल सड़क पर गिर गई थी, पीएसी जवान अनिल पासवान को बचाने के लिए जब दूसरा जवान आया था तो मुर्तजा ने उस पर भी उग्र हो कर हमला बोल दिया था।
पुलिस की ओर से दर्ज मुकदमे के अनुसार हमला करते वक्त मुर्तजा नारा-ए-तकबीर, अल्ला हू अकबर का नारा लगा रहा था। पहले सुरक्षाकर्मियों ने उसके हाथ से कड़ी मशक्कत करके बांका छुड़ाया और फिर उसे पकड़ लिया। उसके पास उर्दू भाषा में लिखी एक किताब भी मिली थी. आतंकी संगठन से सम्बन्ध पता चलने पर मामले की जांच एटीएस को सौंप दी गई थी।
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