उन्हें विभिन्न प्रकार के शस्त्रों एवं दंगा नियंत्रक उपकरणों के संचालन, दंगाइयों से निपटने के विभिन्न तरीके सिखाए गए। भीड़ को तितर बितर करने, पानी की बौछार, लाठी चार्ज, आंसू गैस के गोले, रबर के गोले, एंटी राउट गन, रबर बुलेट गन, टीयर गैस गन, हैंड ग्रेनेड, मिर्ची बम आदि शस्त्रों को चलाने का पूर्वाभ्यास किया गया। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने दंगाई बनकर नारे लगाए, उन्हें तितर बितर करने की माकड्रिल के दौरान कार्रवाई की गई।
दंगाइयों को काबू में करने के बताए तरीके
कोतवाली, पुरानी बस्ती, वाल्टरगंज, लालगंज सहित जिले के सभी थानों पर हुए माकड्रिल के दौरान दंगाइयों को काबू में करने के तरीके बताए गए। कोतवाली प्रभारी शशांक शेखर राय ने बताया कि दंगे की स्थिति में बलवाइयों को किस तरह काबू किया जाय, उन्हे कैसे रोका जाय इसका ध्यान रखना जरूरी है।
पुलिसकर्मी बाकायदा बलवाई बनकर पथराव करते और नारेबाजी करते रहे, जिन्हें काबू में करने के लिए दंगा नियंत्रण पुलिस टीम ने मोर्चा संभाला। आंसू गैस के गोले दागे, उन्हे दौड़ाया, उन पर लाठियां भी बरसाई। ऐसा लग रहा था जैसे वास्तव में कहीं बलवा हुआ है और पुलिस उसे काबू में करने में जुटी है। आईजी आरके भारद्वाज के निर्देशन में यह बलवा ड्रिल कराया गया।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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