उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से फरवरी में आयोजित होने वाले वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन (ग्लोबल इन्वेस्टर समिट) से पहले एक जापानी कंपनी के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गौतमबुद्ध नगर (नोएडा )में तैनात डिप्टी लेबर अधिकारी और इंस्पेक्टर की शिकायत की। कंपनी द्वारा जो आरोप लगाया गया था वह वसूली और लापरवाही बरतने के थे। जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत मुख्यमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को डिप्टी लेबर कमिश्नर डीके सिंह और लेबर इंस्पेक्टर मिथिलेश कुमार सिन्हा को निलंबित करने का फरमान जारी कर दिया है।
सीको एडवांस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर यूकीनोरी काबे की तरफ से एक ई-मेल उत्तर प्रदेश सरकार को मिला था। 9 जनवरी की शिकायत के बाद कानपुर में तैनात अफसरों से इस पूरे मामले की जांच कराई गई। अपर श्रमायुक्त दिलीप कुमार सिंह और उप श्रम आयुक्त आरपी गुप्ता की संयुक्त जांच में नोएडा में नियुक्त उप श्रमायुक्त धर्मेंद्र कुमार सिंह पर लापरवाही बरतने के आरोप सही पाए गए।
विभागीय कार्रवाई के साथ भत्ते पर रोक जांच के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौतमबुद्ध नगर के उप श्रमायुक्त धर्मेंद्र कुमार सिंह को मिलने वाले भत्तों पर रोक लगा दी है। जांच में यह पाया गया कि विदेशी निवेशकों को धर्मेंद्र कुमार सिंह की तरफ से मीटिंग के लिए समय तय करने पर मुलाकात नहीं की जा रही थी। मिलने पर उनका व्यवहार भी अशिष्ट होता था। यही नहीं उनके साथ नियुक्त श्रम निरीक्षक मिथिलेश कुमार सिन्हा पर वसूली किए जाने की भी बात सामने आई है। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं
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