प्लेग -पोलियो की भांति मीजिल्स-रूबेला के समूल नष्ट के लिये तीन चरणों में प्रस्तावित विशेष टीकाकरण अभियान का पहला चरण पूरा ।
गोंडा, 30 जनवरी - 2023 ||
सम्पूर्ण टीकाकरण से वंचित बच्चों का टीकाकरण करने और प्लेग व पोलियो की भांति मीजिल्स-रूबेला के समूल नष्ट के लिये चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा तीन चरणों में विशेष टीकाकरण अभियान चलाये जाने का निर्णय लिया गया है | इसके क्रम में अभियान का पहला चरण 09 से 20 जनवरी तक चलाया गया | इसमें जिले के समस्त सोलह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा दो अर्बन पीएचसी क्षेत्र के कुल 68,336 बच्चों का टीकाकरण करने की कार्य योजना तैयार की गयी |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रश्मि वर्मा ने बताया कि शासन से मिले दिशा-निर्देशों के क्रम में अभियान से पूर्व आशा कार्यकर्ताओं द्वारा हेडकाउंट सर्वे कर ड्यूलिस्ट तैयार किया गया | इसी के आधार पर सत्रों का आयोजन हुआ | इससे 42029 बच्चों का टीकाकरण कर 61.50 फीसदी की उपलब्धि हांसिल की गई |
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ जय गोविन्द ने बताया कि बच्चों को खसरा बीमारी से सुरक्षित करने की पहल करते हुए सरकार द्वारा विशेष टीकारकण अभियान की शुरुआत की गयी है | बच्चों को खसरा बीमारी से सुरक्षित रखने के लिए जन्म के डेढ़ माह पर मिजिल्स रूबेला (एमआर) वैक्सीन की पहली और साढ़े तीन माह पर दूसरी डोज दी जाती है |
99.90 प्रतिशत सत्रों का हुआ आयोजन
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि विशेष टीकाकरण अभियान व नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत 9 से 20 जनवरी तक जिले के बभनजोत सीएचसी क्षेत्र में 306, बेलसर में 270, करनैलगंज में 273, हलधरमऊ में 272, इटियाथोक में 252, कटरा बाजार में 277, मनकापुर में 353, मसकनवा में 431, मुजेहना में 305, नवाबगंज में 226, पण्डरी कृपाल में 279, परसपुर में 336, काजीदेवर में 493, रुपईडीह में 271, तरबगंज में 240, वजीरगंज में 275, वहीं अर्बन पीएचसी बरियारपुरवा क्षेत्र में 36 व सिविल लाइन क्षेत्र में 48 सत्र लगाए गए | इससे कुल नियोजित 4948 सत्रों के सापेक्ष 4943 सत्र आयोजित कर 99.90 प्रतिशत की उपलब्धि हांसिल की गयी |
जिला सहायक शोध अधिकारी अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि अभियान में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के पांच 5 साल तक के सभी बच्चों को चिन्हित किया गया | टीकाकरण के प्रति उदासीन परिवारों के बच्चों का टीकाकरण करने पर विशेष फोकस रहा |
जिला सहायक प्रतिरक्षण अधिकारी अरविन्द कुमार ने बताया कि इस अभियान में डिप्थीरिया (गलघोंटू), काली खांसी, टेटनेस, हेपेटाइटिस-बी और हिब जैसी पांच जानलेवा बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए 6770 बच्चों को पेंटावैलेंट टीके की पहली खुराक, 6196 बच्चों को दूसरी खुराक तथा 6043 बच्चों को तीसरी खुराक दी गयी | वहीं खसरा व रूबेला रोग से बचाव के लिए 8949 बच्चों को एमआर टीके की पहली तथा 14071 बच्चों को दूसरी डोज लगायी गयी |
समय पर टीका लगवाने से कई बीमारियां हो सकती हैं दूर
डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ विनय डांगे का कहना है कि जन्म से पाँच वर्ष तक के बच्चों को सम्पूर्ण टीका लगवाने से कई प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाया जा सकता है | वहीं यूनिसेफ के डीएमसी शेषनाथ सिंह के अनुसार टीकाकरण करा चुके बच्चे बीमारी से तेजी से और अधिक प्रभावी ढंग से मुकाबला कर सकते हैं |
रिपोर्ट-मुन्नू सिंह
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