कार्यदायी विभाग ने निर्माण कार्य पूरा होने के बाद स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर करने के लिए पत्र भी भेज दिया, लेकिन उसने हेल्थ वेलनेस सेंटरों को हस्तानांतरित करने की प्रक्रिया पूरी नहीं की। बताया जाता है कि शासन स्तर से हेल्थ वेलनेस सेंटरों को संचालित करने का दबाव बढा तो स्वास्थ्य विभाग ने हड़बड़ी दिखाते हुए सभी वेलनेस सेंटरों को संचालित कर दिया। इससे कार्यदायी विभाग का शेष भुगतान भी नहीं हो पाया है। हेल्थ वेलनेस सेंटरों के रख रखाव की जिम्मेदारी भी सवालों के घेरे में है।
बता दें कि वर्ष 2019-20 में सभी स्वास्थ्य उपकेंद्रों के परिसर में ग्रामीण अभियंत्रण विभाग (आरईडी) को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 78 एएनएम सेंटरों के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। 22 फिट लंबे व 13.5 फिट चौड़े अतिरिक्त कक्ष का निर्माण कर वेलनेस सेंटर स्थापित करना था। इसमें एएनएम, जेएनएम के बैठने, महिलाओं की जांच, उपचार का इंतजाम बनाना था। करीब 5 लाख की लागत से निर्मित हेल्थ वेलनेस सेंटर के इन भवनों को आरईडी ने दिसंबर 2020 में तैयार करवा दिया। हैंडओवर के लिए पत्र भी स्वास्थ्य विभाग को भेज दिया। स्वास्थ्य विभाग ने उसे हस्तांतरित करने की प्रक्रिया नहीं पूरी की और सभी वेलनेस सेंटरों को संचालित कर दिया ।
हेल्थ वेलनेस सेंटरों का हैंडओवर न लेने के पीछे जिला स्तर पर स्वास्थ्य विभाग में कोई अभियंता तैनात न होना रहा। आरईडी के अधिशासी अभियंता अरविंद कुमार ने बताया कि भवनों के हस्तांतरण के लिए सीएमओ को पत्र भेजा गया है। भवनों को जल्द ही हस्तांतरित करने की व्यवस्था बनाई जा रही है। वहीं सीएमओ डॉ. आरपी मिश्र ने बताया कि संतकबीरनगर के इंजीनियर को बस्ती से संबद्ध किया गया है। हेल्थ वेलनेस सेंटर का सत्यापन कराया जा रहा है, जल्द ही हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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