Apr 24, 2025

दिल्ली के दरबार में बजा डीएम का डंका

 डी. एम. मोनिका  नें जिले के लिए लगा दी जान. तब मिला बहराइच को भारत में नया पहचान

मोदी नें मोनिका रानी को सौंपा नाज़ का ताज़

बहराइच। 'पीड़ाओं को स्वर देती है. भाषा की मुस्कान की। दुखियारों का दारुण हरती यह बेटी हिंदुस्तान की!" विकसित भारत के श्रृंखला में उदीप्त योगदान के लिए प्रतिभा पखारने हेतु किंचित किंतु सत्य शब्द हैं. धीरवान, नीतिवान, अथक, अविचलित डीएम मोनिका रानी के लिए। डीएम मोनिका रानी मनसा बाचा, कर्मणा की अतल गहराइयों से विकसित भारत और जिला को समग्र विकास से संतृप्त किया। जिसका 21 अप्रैल को दिल्ली का  विज्ञान भवन ऐतिहासिक पटल का साक्षी बना।जिलाधीश मोनिका रानी को देश के  ओजस्वी  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 में लोक सेवा दिवस के अवसर पर "प्रधानमंत्री पुरस्कार 2023" से सम्मानित किया। यह सम्मान इसलिए असाधारण हो जाता है कि समूचे उत्तर प्रदेश में  से   एक मात्र बहराइच के डी. एम. मोनिका रानी को ही प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए चयन किया। इस अनमोल- अतुल्य पुरस्कार के लिए देश भर में 750 से अधिक जनपदों में  समग्र विकास के लिए महज  10 जनपद चुने गए थे। उन 10 जनपदों में अकेला जनपद बहराइच था। इस पुरस्कार के लिए 750 से अधिक जिलाधीशों ने अपने-अपने जिले में समग्र विकास करने की दावेदारी की थी। यही कुछ हाल अपने प्रदेश उत्तर प्रदेश का भी था। इस पुरस्कार लेने के फेरहिस्त के मैराथन में यूपी के बड़े बड़े शूरमा में शुमार जिलाधिकारियों ने अपने-अपने जिलों को समग्र विकास संतृप्ति के आंकड़ों को लेकर प्रति- स्पर्धा के मैदान में दम खम और अटूट भरोसे के साथ कूद पड़े। पुरस्कार  की श्रेणी कठिन कसौटियों पर कसने के बाद लछमन रेखा को पार करने बाद ही पुरस्कार के लिए  ही आगे बढ़ती है। शासन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चहुँमुखी समीक्षा के कसौटी पर सिर्फ मोनिका रानी को छोड़कर सभी जिलाधिकारी  हकदारी की पाली से आउट हो गए। लोगों के प्रस्तुतीकरण की अंक गणित शासन की कसौटी पर उलट गया। यू. पी. सरकार के कैबिनेट ने प्रस्ताव पारित किया।मुख्यमंत्री के  अनुमोदन उपरान्त मोनिका रानी को  यह अनुपम बिराट पुरुस्कार के लिए दिल्ली दरबार भेजा गया. जहां देश के कसौटी पर कसा जाना था । कर्म भाग्य और जन आशीर्वाद मोनिका रानी का कुदरती कवच बना।दिल्ली में भी उच्च स्तरीय स्तर पर विचारों के मंथन उपरांत पुरस्कार के लिए  मोनिका औवल्ल स्थान हासिल किया।प्रधानमंत्री के सहर्ष अनुमोदन पर मोनिका रानी को 21 अप्रैल 25 को दिल्ली के विज्ञान भवन में "प्रधानमंत्री पुरस्कार 2023" दिया गया।जिलाधीश मोनिका रानी का यह  गौरव मय पुरस्कार  अनंत सोपान के क्षितिज पर कर्तव्य का परचम लहराया।निः संदेह सफल  दिशा, कर्तव्य बोध की स्वर्णिम सोपान तक पहुंचाने के लिए डीएम मोनिका रानी बधाई और ऐतिहासिक यश की पात्र हैं। मोनिका रानी के इस कर्म योग के यश  यज्ञ में जनपद की अनगिनत जन मानस का अगाध अहलादित  प्रेम और वाम वक्ष स्थल से प्रसफुटित  स्नेह, वात्सल, और आशीर्वादों  के आभूषण का अभिसिंचन सारथी सारीखा रहा। जिनके पुण्य प्रताप से इस महारथी ने जनपद को देश के गौरव गाथा में शुमार करने में दुर्गम पथ का आरोही पथिक बन मिशाल क़ायम किया।मोनिका रानी की  कार्य विधा अनुपम और सदैव महत्वपूर्ण रही, जहां डी. एम. मोनिका रानी  स्थितियों को  अपने अनुरूप साधने  में पूर्ण समर्थ तथा सफल रहीं। वहीं इनका लोकहितार्थ संधान में अभिव्यंजना, कौशल, कौतुहल और प्रचेता पूर्ण रूप से प्रवाह मय  रहा। इनके लोक हितार्थ शासन -सरकार  के विकास उन्मुखी  मनसा मंजुल, मयंक, मंजूषा के साथ सुषमा रूपगत विविध तत्वों की प्रधानता स्थापित करता रहा है। इन सबों के साथ-साथ उनकी सारी सामाजिक संबंध एक नए  परिपेक्ष में अनुपम और अद्भुत विशेषता दी। "पीड़ित की करती सहायता. अपराधी को दंड विधान, दृढ़ संकल्पित कर्म रथी को मिला यशोचित अब सम्मान।। " जन-जन के मन की भावना और उदार की यह पंक्तियां जनपद के यशोभूमि पर

 सुखद हिलोरें निरंतर लेती रहेगी।

सीन : वन

 डीएम मोनिका रानी का जनता दर्शन अनुपम अभिनव का संगम है। यूट्यूब हर जिले में जनता दर्शन शासन तथा सरकार की स्वप्निल सपनों में शुमार है मोनिका रानी के जनता दर्शन में चरित्र चित्रण, परिवेश चित्रण, स्वभाविक, ओजस्वी, मार्मिक,संजीव और प्रतिभा प्रभावपूर्ण है। जिसका प्रभाव प्रशंसा जनक और अविस्मरणीय रूप है। इनके कार्यकाल में जनता दर्शन लोक हितार्थ के जीवन की गतिविधि को संचालित करने वाला बोध चेतन जीवन के यथार्थ उसके मन की आकांक्षा. महत्वाकांक्षा और उसकी आवश्यकता तथा हित से प्रेरित रहा। जो भी फरियादी अपनी जटिलतम से जटिलतम समस्याओं को लेकर इसे रूबरू हुआ तो उसकी उसकी पूर्वार्ध की अपेक्षा उसके उत्तराद्ध को अपने आप यथार्थता का कुछ संस्पर्श मिल ही गया। इसके सहज कारण भी हैं कि मोनिका रानी के कार्यकाल पर चक्षुपात उदीप्त हो जाते हैं कि इनका सामाजिक उत्थानों परक सामाजिक गुणों से पूर्ण है।जो चेतन से संचालित है जो दृढ़ इच्छा शक्ति वाले हैं। निश्चय वृत्त वाले हैं,और सामाजिक सद और असद से निर्मित हैं। 

सीन नंबर: दो

 सर्व विदित है कि डी. एम. मोनिका रानी कोलंबस तथा वास्कोडिगामा की तरह  सरकार -शासन की जन कल्याण कारी की समुचित योजनाएं  साहिल तक पहुंचा कर परवान चढ़ाने की महारथी हैं। इनकी कर योजनाएं चरणबद्ध एक दूसरे से गुंथीं परस्पर अनस्यूत अपने अंतिम पड़ाव तक सुचिता पूर्ण पहुंचती ही पहुंचती हैं। जिलाधिकारी मोनिका रानी अपने स्वभाविक  राजकीय कार्य में कभी भी  कागजी बाजीगरी  को इतिश्री नहीं माना। अपितु विकसित भारत समग्र  संतृप्त करण के लिए "न्याय चला निर्धनसे मिलने "गांव की और सीधे  रुख किया। अपने नए-नए अभिनव प्रयोगों को सोपान तक पहुंचाने के लिए चरणबद्ध तरीके से जनपद के प्रत्येक विकास खंडो  के  गावों में जनमानस के बीच पहुंची। इन्होंने गांव में चौपाल लगाने से पूर्व समय तिथि की मुनादीभी कराई। मुकर्रर समय पर सभी विभागों के जिम्मेदारों का काफिला जनमानस के मेले में पहुंच सभी समस्याओं का मौके पर ही तुरंत निदान किया।साथ ही झंझावतों की झमेलों में  अनायास  के पालने में झूल रहीं,अटकीं. लटकीं, भटकी सरकारी योजनाओं को पूर्ण कराया। स्वयं समीक्षा का बीड़ा उठाया। उसी का फल है कि दिल्ली के दफ्तर में बहराइच के समग्र विकास, संतृप्त जिले का डंका बजा जिसकी ध्वनि भारत के कोने-कोने में सुनाई दी।पीएम और सीएम ने समग्र विकास विकसित भारत की अद्वितीय नायिका मोनिका रानी को नाज के ताज का सौगात सौंपा। जिसके लिए वे वेशक पात्र थीं। मोनिका रानी नें सिद्ध कर दिया कि यदि इरादें बुलंद हों तो मंजिलें कदम चूमतीं हैं।

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