गोण्डा, 15 मार्च - गोण्डा के उप जिला निर्वाचन अधिकारी आलोक कुमार ने बताया कि भारत के चुनाव आयोग ने सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनैतिक दलों से 30 अप्रैल तक ईआरओ, डीईओ या सीईओ के स्तर पर किसी भी अनसुलझे मुद्दों के लिए सुझाव आंममित्र किए है। राजनैतिक दलों को जारी एक व्यक्तिगत पत्र में आयोग ने स्थापित कानून के अनुसार चुनावी प्रक्रियाओं को और मजबूत करने के लिए पारस्परिक रूप से सुविधाजनक समय पर पार्टी अध्यक्षों और पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों के साथ बातचीत की परिकल्पना की है।
इससे पहले पिछले सप्ताह ईसीआई की बैठक के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सभी राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों के सीईओ, डीईओ और ईआरओएस को राजनैतिक दलों के साथ नियमित बातचीत करने, ऐसी बैठकों में प्राप्त किसी भी सुझाव को पहले से मौजूद कानूनी ढांचे के भीतर सख्ती से हल करने और 31 मार्च, 2025 तक आयोग को कार्यवाही रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। आयोग ने राजनैतिक दलों से विकेन्द्रीकृत जुड़ाव के इस तंत्र का सक्रिय रूप से उपयोग करने का भी आग्रह किया।
संविधान और वैधानिक ढांचे के अनुसार चुनाव प्रक्रिया के सभी पहलुओं को कवर करने वाले 28 हितधारकों में से आयोग ने राजनैतिक दल भी एक प्रमुख हितधारक माना हैं। राजनैतिक दलों को लिखे अपने पत्र में आयोग ने यह भी उल्लेख किया है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951 मतदाताओं का पंजीकरण नियम 1960 चुनाव संचालन नियम 1961 माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और भारत के चुनाव आयोग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देश मैनुअल और हैंडबुक (ई०सी०आई० की वेबसाईड पर उपलब्ध) ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए एक विकेंद्रीकृत, मजबूत और पारदर्शी कानूनी ढांचा स्थापित किया है।
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