निर्बलों की शिक्षा व सेवा का मन में है बड़ा खयाल,
नाजिया यास्मीन बनीं सादगी,ईमानदारी व कर्तव्य निष्ठा की बड़ी मिशाल
आईएएस आईपीएस बनने की जगह चुना समाज सेवा की राह
कहा मेहनत करके खुद बना जा सकता है आईएएस,लेकिन शिक्षा देकर बनाया जा सकता है कई आईएएस,
निर्धन लड़कियों को निःशुल्क ड्रेस, कांपी ,किताब सहित मुहैया कराती हैं जरूरी वस्तुएं
गरीब व निर्बल वर्ग की लड़कियों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए बनाया है उड़ान फाउंडेशन
इबादत है दुखियों की इमदाद करना ,जो नाशाद हैं उनको दिलशाद करना। खुदा की नमाज और पूंजी यही है, जो बर्बाद हैं उनको आबाद करना ।।
करनैलगंज/ गोण्डा - उपरोक्त पंक्तियों को चरितार्थ करते हुए,धर्म और मजहब से ऊपर उठकर निर्बलों की मदद का जज्बा लिए नाजिया यास्मीन जिन्होंने आईएएस, आईपीएस बनने की जगह सामाजिक सेवा का क्षेत्र चुना,निर्बल वर्ग और कमजोर तबके की लड़कियों को पढ़ाकर उनकी मदद के लिए स्कूल खोला वह भी एकदम निःशुल्क। करनैलगंज कस्बा निवासी, परास्नातक नाजिया यास्मीन संभ्रांत परिवार से हैं, उनके परिवार का बड़ा नाम है,गरीब बच्चियों को पढ़ा कर उन्हें आत्म निर्भर बनाने की ठान चुकीं नाजिया समानता और मजहबी भाईचारे की एक अनोखी मिसाल बन चुकी हैं ।
मानवता की ओर एक बड़ा कदम उठाने का जज्बा लिए हुए कुमारी नाजिया यास्मीन समाज में एक नई उम्मीद की एक नई किरण लिए नारी सशक्तिकरण की उड़ान भरती हुई आज के समाज के लिए अनोखा सजीव उदाहरण हैं। जिन्होंने माया की दौड़ को छोड़कर असहाय बेटियों का सहारा बनने का संकल्प लिया है। आज जरूरत है ऐसी ही बेटियों की जो अपने निजी स्वार्थों और महत्वाकांक्षाओं से ऊपर उठकर समाज में व्याप्त असमानता एवं अशिक्षा को दूर करके बेटियों को एक नई ऊंचाइयों पर पहुंचाकर देश और समाज नई पहचान दे सकें।
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