Mar 3, 2025

गोंडा में 9 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर केएमसी यूनिट शुरू, 7 पर काम जारी

गोंडा। जिले में नवजात शिशुओं की देखभाल को बेहतर बनाने के लिए 9 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर कंगारू मदर केयर यूनिट (KMC Unit) शुरू की जा चुकी हैं, जबकि 7 सीएचसी पर निर्माण कार्य तेजी से जारी है। यह यूनिट विशेष रूप से कमजोर और समय से पहले जन्मे नवजातों के लिए बनाई गई हैं, जहां मां और शिशु को एक ही स्थान पर सभी आवश्यक सुविधाएं मिलेंगी। इस पहल का उद्देश्य नवजात मृत्यु दर को कम करना, स्तनपान को बढ़ावा देना और माताओं को सुरक्षित माहौल प्रदान करना है।

गोंडा जिले में पहली बार नवजात शिशुओं को ऐसी विशेष सुविधा मिलने से माताओं को भी राहत मिलेगी, और नवजातों को सुरक्षित एवं स्वस्थ जीवन की बेहतर शुरुआत मिलेगी।


*पहली बार नवजात शिशुओं को मिलेगी ऐसी व्यवस्था*

गोंडा जिले में पहली बार नवजात शिशुओं के लिए ऐसी आधुनिक सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अब तक कमजोर नवजातों को केवल एनबीएसयू (Newborn Stabilization Unit) में भर्ती किया जाता था, लेकिन केएमसी यूनिट की शुरुआत से माताएं अपने शिशु की देखभाल में सक्रिय भूमिका निभा सकेंगी। यह व्यवस्था त्वचा से त्वचा के संपर्क (Skin-to-Skin Contact) के जरिए नवजातों को ऊष्मा, पोषण और सुरक्षा प्रदान करेगी।

*मदर न्यूबॉर्न केयर यूनिट (MNCU) की अनूठी पहल*

गोंडा जिले में जिलाधिकारी नेहा शर्मा के प्रयासों से मदर न्यूबॉर्न केयर यूनिट (MNCU) की स्थापना की गई है, जिसमें मां और नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए सभी सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। अब डिलीवरी रूम, बीमार नवजातों के लिए एनबीएसयू और केएमसी यूनिट एक साथ होंगे, जिससे माताओं और नवजातों को अलग-अलग स्थानों पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे चिकित्सकीय देखभाल सुचारू होगी और शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी।

*इन 9 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर शुरू हुई सुविधा*

सीएचसी खरगूपुर

सीएचसी कर्नलगंज

सीएचसी वजीरगंज

सीएचसी मनकापुर

सीएचसी इटियाथोक

सीएचसी छपिया

सीएचसी कटरा बाजार

सीएचसी नवाबगंज

सीएचसी तरबगंज

इसके अलावा, परसपुर, हलधरमऊ, बेलसर, मुजेहना, पंडरी कृपाल, बभनजोत और काजीदेवर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में केएमसी यूनिट का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इन केंद्रों पर इस महीने के अंत तक यह सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।

*जनवरी 2025 में शुरू हुआ था निर्माण कार्य*

केएमसी यूनिट्स की स्थापना के लिए जनवरी 2025 में कार्य शुरू किया गया था। सरकार और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से इन यूनिट्स का निर्माण चरणबद्ध तरीके से किया गया, ताकि जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में यह सुविधा जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जा सके।

गोंडा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कहा, "यह पहल जिले के नवजात शिशुओं और माताओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। केएमसी यूनिट से कमजोर और समय से पहले जन्मे शिशुओं को बेहतर देखभाल मिलेगी, जिससे शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी। स्वास्थ्य विभाग इस योजना को जल्द पूरा करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रहा है।"

मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अंकिता जैन ने इस पहल को सराहनीय बताते हुए कहा, "केएमसी यूनिट न केवल नवजातों के लिए बल्कि माताओं के लिए भी लाभकारी है। इससे स्तनपान को बढ़ावा मिलेगा और माताओं को अपने बच्चों के साथ अधिक समय बिताने का अवसर मिलेगा। सरकार इस सुविधा को जल्द से जल्द हर स्वास्थ्य केंद्र में लागू करने के लिए पूरी तरह प्रयासरत है।" उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इन केंद्रों की नियमित निगरानी कर रहा है, ताकि सभी माताओं और नवजातों को यह सुविधा उपलब्ध हो सके।

*केएमसी यूनिट से उपलब्ध हैं यह लाभ*

कम वजन वाले और समय से पहले जन्मे शिशुओं को बेहतर देखभाल मिलेगी।

मां और शिशु के बीच भावनात्मक संबंध मजबूत होगा।

स्तनपान को बढ़ावा मिलेगा, जिससे शिशु को आवश्यक पोषण मिलेगा।

निःशुल्क चिकित्सा सुविधा से ग्रामीण परिवारों को राहत मिलेगी।

शिशु मृत्यु दर में कमी लाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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