गोण्डा - अपनी सशक्त लेखनी, ईमानदारी और कर्तव्य निष्ठा की बदौलत जिले व प्रदेश में बड़ा मुकाम हासिल करने वाले वरिष्ठ व स्वतंत्र भारत के समन्वय संपादक रह चुके हनुमान सिंह सुधाकर का आज निधन हो गया। उनके निधन से पत्रकारिता जगत को बड़ा नुकसान हुआ है। पूर्व में उनकी कविता व उपन्यास भी प्रकाशित हो चुके हैं। मिली जानकारी के मुताबिक हनुमान सिंह सुधाकर लंबे अरसे से अस्वस्थ चल रहे थे, आज तबियत बिगड़ने पर उन्हें एक निजी हॉपिटल ले जाया गया और इलाज के बाद शाम को उन्हें घर लाया गया जहां उन्होने अंतिम सांस लेकर दुनिया को अलविदा कह दिया।मूल रूप से गोण्डा के ऐली परसौली गांव निवासी हनुमान सिंह सुधाकर ने लेखन की शुरुआत अपने पढ़ाई के दौरान ही कर दी थी, लेकिन वर्ष 1968 से उन्होंने विधिवत पत्रकारिता के क्षेत्र में सेवा शुरू की। अपने कलम की ताकत की बदौलत उन्होंने गोंडा में माया, स्वतंत्र भारत, नवजीवन, हिन्दुस्तान समाचार, दैनिक जागरण, अमृत प्रभात, यूएनआई सहित कई पत्र एवं पत्रिकाओं के संवाददाता के रूप में काम किया। अन्य कई संस्थानों में भी वे वरिष्ठ पदों पर रहे। उसके बाद वह वर्ष 2000 में देश के प्रतिष्ठित अखबार स्वतंत्र भारत से जुड़ गये। उनके कई लेख विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। पत्रकारिता के साथ ही हनुमान सिंह सुधाकर ने कुछ दिन इंटर कॉलेज में अध्यापन्न का भी दायित्व निभाया। उन्होंने काफी समय तक गोण्डा में वकालत भी की। प्रमुख रूप से उनकी एक कविता संग्रह ‘प्रेम गंगा’ और दो उपन्यास ‘सोना’ और ‘संघर्ष’ भी प्रकाशित हो चुके हैं। उनके निधन से पत्रकारिता जगत को बड़ा नुकसान हुआ है।
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