जनपद के सभी स्कूलों में मनाया गया राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस
- एक से 19 वर्ष तक के बच्चों को खिलाई गई कृमिनाशक दवा एल्बेंडाजोल
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बहराइच,जनपद में एक से 19 वर्ष तक की आयु के बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाने के लिए सोमवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (एनडीडी) मनाया गया। इस अवसर पर सरकारी और गैर-सरकारी विद्यालयों के साथ-साथ आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी बच्चों को पेट के कीड़े निकालने की दवा एल्बेंडाजोल का सेवन कराया गया।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय कुमार शर्मा ने कहा कि बचपन में कृमि संक्रमण से बचाव अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह बच्चों में कुपोषण, एनीमिया और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देता है। यदि पेट में कीड़े होते हैं तो शरीर को आवश्यक पोषण नहीं मिल पाता, जिससे शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए वर्ष में दो बार—फरवरी और अगस्त में—राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के तहत बच्चों को कृमिनाशक दवा खिलाई जाती है।सीएमओ ने बताया कि कृमि संक्रमण का मुख्य कारण साफ-सफाई की कमी, बिना धुले फल-सब्जियों का सेवन और नंगे पैर घूमना है। यह छोटे कृमि त्वचा के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर आंतों में पहुंच जाते हैं और शरीर के पोषक तत्वों को ग्रहण कर लेते हैं, जिससे बच्चों में कुपोषण की समस्या बढ़ जाती है। इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित होती है और अन्य संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाने के लिए स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। बच्चों को हाथ धोने की आदत डालें, खुले में शौच से बचें और हमेशा स्वच्छ पेयजल का उपयोग करें।20 लाख से अधिक बच्चों को दवा देने का लक्ष्य-जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस, राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) के तहत आयोजित किया जाता है। इस अभियान के अंतर्गत जनपद के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के 4223 विद्यालयों और 3145 आंगनबाड़ी केंद्रों में 20 लाख से अधिक बच्चों को एल्बेंडाजोल खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। जो बच्चे विद्यालय नहीं जाते, उन्हें आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से दवा दी जा रही है। उन्होंने बताया कि यदि कोई बच्चा किसी कारणवश दवा लेने से वंचित रह गया है, तो 14 फरवरी को मॉप-अप राउंड का आयोजन किया जाएगा, ताकि छूटे हुए बच्चों को दवा दी जा सके।
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