Jan 23, 2025

राजनीति के बेताज बादशाह कुंवर अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया के राजनैतिक जीवन की रिपोर्ट

करनैलगंज/गोण्डा - कर्नलगंज के पूर्व विधायक एवं बरगदी कोट राजपरिवार के कुंवर अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया का आज बृहस्पतिवार की शाम निधन हो गया पिछले कुछ समय से वह लगातार अस्वस्थ चल रहे थे। लल्ला भैया कर्नलगंज से छह बार विधायक रहे उनके पिता श्री मदन मोहन सिंह 1967 में निर्दलीय चुनाव लड़े और भारी मतों से विजयी हुए यह बरगदी राजपरिवार की स्वतंत्र भारत में पहली राजनीतिक दस्तक थी । इसके बाद कुंवर अजय प्रताप सिंह लल्ला भैया ने भी पिता के नक्शे-कदम पर 1989 में अपना राजनीतिक सफर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में शुरू किया और विधानसभा चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। उस समय युवा वर्ग सबसे ज्यादा उत्साहित रहा है, जब लल्ला भैया सबसे कम उम्र के विधायक बने थे। लल्ला भैया वर्ष 1991 में राममंदिर की लहर में पाला बदल कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। वर्ष1993 में कुंवर अजय प्रताप सिंह चुनाव जीत गए। एक बार फिर 1996 में अजय प्रताप सिंह चुनाव लड़े और जीते। वर्ष 2002 में भाजपा ने विधानसभा चुनाव के आखिरी समय पर टिकट दिया क्योंकि वह बीमार थे इसलिए जनता के बीच जा नहीं सके और कुंवर अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया मामूली अंतर से विधानसभा चुनाव हार गए।

अड़ियल रुख के लिए थे मशहूर

वर्ष 2007 लल्ला भैया जेल में रहते हुए कांग्रेस के टिकट पर देवीपाटन मंडल से इकलौते विधायक चुने गये। पंरतु बसपा सरकार से नजदीकियों के चलते इस्तीफा देकर बसपा में शामिल हुए पंरतु बसपा हाईकमान ने ऐन मौके पर लोकसभा चुनाव में टिकट का आश्वासन देकर उनकी सहमति से उनकी छोटी बहन बृज कुंवर को बसपा से मैदान में उतार दिया उपचुनाव में वह अपनी जिताने में कामयाब रहे। कुछ समय के लिए कैसरगंज से लोकसभा से प्रत्याशी घोषित भी हुए परंतु पर्चा दाखिला से दो-चार दिन पूर्व टिकट काट दिया। वर्ष में एक बार फिर से बसपा के बैनर तले 2012 के चुनाव में अजय प्रताप सिंह को फिर हार का सामना करना पड़ा। 2017 में भाजपा अपने पुराने सिपहसालारो की घर वापसी क्रम में अजय प्रताप उर्फ लल्ला भैया को भाजपा से टिकट देकर कर्नलगंज से विधानसभा पहुंचाया । अपने अड़ियल रुख के लिए मशहूर लल्ला भैया आमजनता व्यक्तिगत मदद के साथ-साथ प्रशासन से भी दो-दो हाथ करने के लिए हमेशा तैयार रहते थे उनके निधन सूचना मिलते ही हजारों की संख्या में शुभचिंतक और कार्यकर्ता उनके राजमहल पर पहुंच चुके हैं सबके जुबान पर एक बात है अब इतना निश्छल राजनेता गोंडा की राजनिति में कोई नहीं है।बरगदी राज परिवार के करीबियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक लल्ला भैया का अंतिम संस्कार कल शुक्रवार दोपहर में कटरा शहबाजपुर स्थित सरयू तट पर किया जाएगा।

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