राजा हर्षवर्धन और महाकुंभ की शुरुआत
महाकुंभ की शुरुआत के बारे में कई मतभेद हैं, लेकिन यह माना जाता है कि राजा हर्षवर्धन ने पहली बार महाकुंभ का आयोजन किया था। राजा हर्षवर्धन एक शक्तिशाली और धर्मपरायण राजा थे, जिन्होंने 606 से 647 ईसवी तक भारत पर शासन किया था। वह एक महान प्रशासक और एक धार्मिक व्यक्ति थे, जिन्होंने अपने राज्य में कई धार्मिक और सामाजिक सुधार किए थे।
महाकुंभ के आयोजन के पीछे की कहानी
महाकुंभ के आयोजन के पीछे की कहानी यह है कि राजा हर्षवर्धन ने एक बार एक सपना देखा, जिसमें उन्हें भगवान विष्णु ने आदेश दिया कि वह प्रयाग में एक महान त्योहार का आयोजन करें, जिसमें लाखों लोग भाग लें और भगवान की पूजा-अर्चना करें। राजा हर्षवर्धन ने इस सपने को बहुत गंभीरता से लिया और उन्होंने अपने राज्य के सभी अधिकारियों और पंडितों को इकट्ठा किया और उन्हें इस त्योहार के आयोजन के लिए निर्देश दिए। इस तरह, राजा हर्षवर्धन ने पहली बार महाकुंभ का आयोजन किया, जो एक भव्य और ऐतिहासिक त्योहार बन गया। तब से, महाकुंभ हर 144 वर्षों में आयोजित किया जाता है, जिसमें लाखों लोग भाग लेते हैं और भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं।
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