शामली में कग्गा गैंग के चार बदमाशों का एनकाउंटर में मार गिराने वाले उत्तर प्रदेश पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स के इंस्पेक्टर सुनील कुमार बुधवार को शहीद हो गए। वह एक बेहद साहसी इंस्पेक्टर थे। उनके शहीद होने से पुलिस विभाग को बड़ा झटका लगा है।
इंस्पेक्टर सुनील कुमार ददुआ, ठोकिया, दुजाना एनकाउंटर में शामिल रह चुके थे। डकैत उमर केवट एनकाउंटर में उन्हें विभाग द्वारा आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया गया था। उनका पैतृक निवास मेरठ के इंचौली इलाके के मसूरी गांव में था।
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार उनके पिता चरण सिंह का देहांत हो चुका है। अस्सी वर्षीय मां अतरकली अभी जीवित हैं। उनके बड़े भाई अनिल कुमार गांव में ही रहकर खेती-बाडी का काम संभालते हैं। सुनील के परिवार में पत्नी मुनेश बेटा मोनू उर्फ मंजीत और बेटी नेहा है दोनों बच्चों का विवाह हो चुका है सुनील कुछ माह पूर्व बाबा बने थे परिवार के सभी लोग गुरुग्राम में मौजूद हैं।
डाक्टरों के पैनल ने देर रात में शव का पोस्टमार्टम किया । शव को गांव लाया जा रहा है, यहीं पर आज उनका अंतिम संस्कार होगा।सुनील कुमार 1 सितंबर, 1990 को उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। STF का गठन होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने 1997 में मानेसर हरियाणा में कमांडो कोर्स के लिए भेजा था। सुनील का 7 अगस्त 2002 को मुख्य आरक्षी के पद पर प्रमोशन हुआ।
13 मार्च, 2008 को फतेहपुर में ओप्रकाश उर्फ उमर केवट के एनकाउंटर में अदम्य साहस दिखाने के लिए सुनील कुमार को 16 सितंबर, 2011 में आउट आफ टर्न प्रमोशन देकर हेड कॉन्स्टेबल से प्लाटून कमांडर पर प्रमोट किया गया।
इसके बाद 1 जनवरी, 2009 में भी स्पेशल टास्क फोर्स में आ गए। फिर 22 अप्रैल, 2020 को दलनायक के पद पर पदोन्नति दी गयी थी। 16 साल से वह एसटीएफ का हिस्सा थे। उनका सेवाकाल 2030 तक शेष था।
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