Jan 9, 2025

बहुत मुश्किल है लोगों को समझना-यहाँ चेहरों पे भी चेहरा बहुत

 


करनैलगंज/गोण्डा-साहित्यिक संस्था 'बज़्मे शामे गज़ल' की तरही नशिस्त (काव्य गोष्ठी) मोo सकरौरा में शाह नवाज़ 'मुन्ना' के मकान पर आयोजित हुई।अध्यक्षता गणेश तिवारी 'नेश' ने की और संचालन याक़ूब सिद्दीकी 'अज़्म' ने किया।अब्दुल गफ्फार ठेकेदार की सरपरस्ती में मस्कत में रह रहे मक़सूद बेग 'रहबर' कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहे।आग़ाज़ में सगीर सिद्दीकी , क़ारी मासूम रज़ा व अहमद रज़ा 'रज़्म' ने नात पेश की। डॉo रानू ने शाएरों का स्वागत किया।महामंत्री मुजीब सिद्दीकी ने उर्दू व हिंदी सीखने पर ज़ोर दिया।शाएरों ने मिसरा तरह "हमारे  वास्ते इतना बहुत है" पर कलाम पेश किये।

मुजीब सिद्दीकी ने तन्हाई की बात कही - हकीकत में अगर देखो तो इन्सां , नही तन्हा मगर तन्हा बहुत है।

डॉo असलम हाशमी ने आईना दिखाया-

सभी चीज़ों पे महंगाई है लेकिन-लहू इंसान का सस्ता बहुत है।

अनीस खां आरिफी का शेर सराहा गया-

समन्दर की तलब में है मुसलसल-वो दरिया है मगर प्यासा बहुत है।

मुबीन मंसूरी ने सामयिक शेर पढ़ा-

बहुत मुश्किल है लोगों को समझना-यहाँ चेहरों पे भी चेहरा बहुत है।

कौशर सलमानी ने कहा - 

चलाओ लाख तुम नफ़रत की आंधी, मुहब्बत का बस इक झोंका बहुत है।

अजय श्रीवास्तव ने त्रासदी बयान की-

जो उजले तन के और मन के हैं काले-अजब है उनका ही चर्चा बहुत है।

अल्ताफ हुसैन राईनी ने गणेश तिवारी जी को समर्पित किया-

खुदा इस बज़्म पर क़ायम ही रक्खे-गुरु जी आपका साया बहुत है।

रोहित सोनी 'ताबिश' ने ज़ोर देकर कहा - 

जहां का क्या अबश चक्कर लगाना, दयारे यार का फेरा बहुत है।

अतिथि मक़सूद बेग 'रहबर' ने कहा-

जो डूबा जा रहा हो उसको रहबर-सहारे के लिए तिनका बहुत है।

उत्तम कुमार शोला ने मिसरे को यूँ पूरा किया-

उन्हें अफसोस है अपने किए पर-हमारे वास्ते इतना बहुत है।

अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा - करूंगा लेके क्या दुनियां की दौलत, मुझे जितना मिला उतना बहुत है।

इमरान मसूदी समर्पित किया - वफाएं जब हमारी याद आयीं, बिछड़ कर हमसे वो रोया बहुत है।

साथ ही ताज मु० कुरबान,नियाज़ क़मर, निज़ामुद्दीन शम्स, रशीद माचिस, राजू दुर्रानी ने ग़ज़लें प्रस्तुत की।

इस अवसर पर कय्यूम सिद्दीकी,हरीश शुक्ल,आफाक सिद्दीकी, हाफ़िज़ हिसामुद्दीन, जहीर अहमद, फरीद अहमद,अब्दुल हई कुरैशी,इरफान सभासद,मास्टर शफीक,मुस्ताक, समी बकाई,राहत किरमानी,सलीम ज़हीन इंडियन,कमलेश सोनी,मास्टर इक़बाल,आदिल असलम,वसीम अंसारी,कलीम सोनू,कैफ,शारिक,इमरान, वाज़िद, आजाद सहित अन्य मौजूद रहे।

शाह नवाज़ 'मुन्ना' ने धन्यवाद ज्ञापित किया।गणेश तिवारी 'नेश' के अध्यक्षीय संबोधन के बाद संरक्षक अब्दुल गफ्फार ने कार्यक्रम का समापन किया।

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