डीएम ने दिखाया कड़ा रुख: स्टाम्प शुल्क चोरी और भूमि हेरफेर पर बड़ी कार्रवाई
जमीन घोटाले पर डीएम का बड़ा कदम: फर्जीवाड़े के दोषियों पर एफआईआर के आदेश
गोण्डा - जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने जमीन की खरीद-फरोख्त में गड़बड़ी, स्टाम्प शुल्क चोरी, और धोखाधड़ी के गंभीर मामले में सख्त कदम उठाते हुए शनिवार को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर दोषियों के खिलाफ तुरंत कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा। यह मामला नवाबगंज शहरी, परगना नवाबगंज की गाटा संख्या 1625 से संबंधित है। भूमि के मूल क्षेत्रफल में कूटरचना और स्टाम्प शुल्क चोरी की पुष्टि जांच में हुई है।
जांच में हुआ खुलासा
शिकायतकर्ता हरिराम सिंह की ओर से दिए गए प्रार्थना-पत्र के बाद जिलाधिकारी ने इस प्रकरण की जांच के लिए मुख्य राजस्व अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी थी। जांच रिपोर्ट में सामने आया कि खतौनी 1359 फसली में गाटा संख्या 1625 का क्षेत्रफल 0.13 डि0 दर्ज था, जिसे हेरफेर कर 0.18 डि0 कर दिया गया। वहीं, जिन खतौनियों में यह बदलाव हुआ है, वे अभिलेखागार में उपलब्ध नहीं हैं, जिससे फर्जीवाड़ा स्पष्ट हो गया। इसके आधार पर 2015 में मो. लतीफ ने यह जमीन सोनूलाल पुत्र जोखूराम को बेची और 2020 में सोनूलाल ने इसे लुसरा पत्नी राधे के नाम बैनामा कर दिया।
हाईवे का उल्लेख छिपाकर की गई स्टाम्प चोरी
मुख्य राजस्व अधिकारी की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि गाटा संख्या 1625 अयोध्या-बहराइच हाईवे के किनारे, नवाबगंज बाजार में स्थित है। इस पर आवासीय और व्यावसायिक भवन बने हैं। लेकिन 2015 और 2020 के बैनामे में हाईवे का उल्लेख न करके गलत चौहद्दी दिखाई गई और स्टाम्प शुल्क चोरी की गई।
जिलाधिकारी का आदेश
जांच रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने तत्काल एफआईआर दर्ज कराने और सभी संबंधित दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, "सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर और स्टाम्प शुल्क चोरी जैसे मामलों को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।"
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति
नेहा शर्मा ने राजस्व विभाग को निर्देश दिया कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए पारदर्शी प्रक्रियाओं को अपनाया जाए और निगरानी व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए। इस सख्त कदम से गोण्डा जिले में भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने का स्पष्ट संदेश दिया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि कोई भी सरकारी प्रक्रिया में अनियमितता करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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