किसानों की समस्याओं का समयबद्धत्ता के साथ करें निस्तारण
बहराइच । कृषकों की समस्याओं के निराकरण हेतु विकास भवन सभागार में आयोजित किसान दिवस एवं कृषक उत्पादक संगठनों द्वारा कराये जा रहे कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बताया कि एफपीओ संतृप्तिकरण अभियान के अन्तर्गत एफपीओ को विभिन्न प्रकार के लाइसेंस दे दिये गये है। उन्हें नये-नये व्यवसाय अपनाने का सुझाव दिया। उन्होनें एफपीओ को निर्देश दिया कि पशु पालन व जैविक खेती से महिलाओं को समूहों में जोड़कर आय वृद्धि करे। उन्होनें ग्राम भदौली चिलवरिया में सुहेलदेव एग्रो फार्मर प्रोडूसर कम्पनी लिमिटेड के निदेशक सदस्य तथा एफपीओ के अन्तर्गत कार्यरत महिला समूहों के कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि हम चाहते है कि जिले के सभी एफपीओ अधिक से अधिक महिला किसानों को जोड़कर तथा उन्हें विभिन्न व्यवसाय अपनाकर आय वृद्धि करें। बैठक में किसानों द्वारा की गयी शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण कराने के निर्देश उपस्थित सभी अधिकारियों को दिया। एलडीएम को निर्देश दिया कि कृषि योजना की एग्रीजंक्शन योजना, पशु पालन की योजना, मत्स्य पालन की योजना के अन्तर्गत प्राप्त आवेदनों का निस्तारण एक सप्ताह के अन्दर सुनिश्चित कर अवगत कराने के निर्देश दिये। रेशम विकास अधिकारी को निर्देश दिया कि सेल्फ हेल्थ गु्रप से महिलाओं को जोड़कर तथा थ्रेड बनाकर छोटे छोटे उत्पाद तैयार कराकर उनकी आय वृद्धि सुनिश्चित करें। किसानो से मुखातिब होकर जिलाधिकारी ने कहा कि फार्मर रजिस्ट्री तैयार करने हेतु ग्रामों में कृषि एवं राजस्व विभाग के कर्मियों द्वारा चौपाल लगाकर फार्मर रजिस्ट्री तैयार करायी जा रही है। सभी कृषक अपने-अपने गांवो में कैम्प की तिथि पर उपस्थित होकर अपनी फार्मर रजिस्ट्री बनवाये। उन्होनें कृषक उत्पादक संगठनों के सदस्यों से कहा कि आप फार्मर रजिस्ट्री करवाने का वीडियो तैयार कर उपलब्ध कराये तथा एफपीओ में शामिल सभी किसानों की फार्मर रजिस्ट्री सुनिश्चित करे। अगले किसान दिवस में इसकी समीक्षा की जायेगी तथा जिन सदस्य कृषकों की फार्मर रजिस्ट्री आपके माध्यम से तैयार होगी उनका आईडी नम्बर साथ लायेगें। जिलाधिकारी ने बैठक में उपस्थित सरदपारा के कृषक गिरजेश कुमार सिंह जो मत्स्य उत्पादन का कार्य करते है अपनी सफलता की कहानी बताने को कहा। श्री सिंह ने बताया कि 09 एकड़ में छोटे-बड़े 32 तालाब बनाकर मत्स्य पालन कर रहे है प्रति वर्ष सभी खर्च निकालकर रू. 15 से 20 लाख की आमदनी हो जाती है। इसी प्रकार कई और किसान जो मत्स्य पालन की खेती करते है अपने अनुभव किसानों के बीच साझा किया। बैठक में उपस्थित प्रगतिशील कृषक हरीशरण सिंह उर्फ बब्बन सिंह पयागपुर ने नेशनल लाइव स्टाक योजना के अन्तर्गत पशुपालन विभाग के माध्यम से आवेदन बैकों में किया गया परन्तु ऋण स्वीकृति नही दी गयी। इसी प्रकार अन्य योजनाओं के आवेदकों द्वारा भी बैकों में ऋण पत्रावलियां लम्बित रखने की शिकायत की गयी। जिसपर जिलाधिकारी ने एलडीएम को कृषि एवं पशुपालन, मत्स्य पालन से सम्बन्धित किसानों के लम्बित आवेदनों की जानकारी मांगी है। कृषक परशुराम सिंह कुशवाहा द्वारा विद्युत कनेक्शन से सम्बन्धित तथा भकला गोपालपुर के कृषक ओंकार नाथ पाण्डेय द्वारा पेयजल योजना से बनी पानी टंकी को चालू कराने का निर्देश दिया। किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष राम कुमार वर्मा ने क्रय केन्द्रों पर सीसी टीवी लगवाने, विकास खण्ड पयागपुर में 130 बीजी नलकूप की नाली बनवाने तथा गन्ना सम्बंधी शिकायते प्राप्त हुई जिनका समयबद्ध निस्तारण कराने का निर्देश सभी अधिकारियों को डीएम ने दिया। उप कृषि निदेशक टी.पी. शाही ने सभी उपस्थित किसानों तथा एफपीओ निदेशक से फार्मर रजिस्ट्री कराने की अपेक्षा की। उन्होनें किसानों को विभाग की योजनाओं की जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि विभाग की योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आय वृद्धि करें। रसायनिक खादों का प्रयोग कम से कम करें इससे भूमि की उर्वरा शक्ति क्षीण होती है प्राकृतिक खेती के तरफ विशेष ध्यान दे। जैविक खेती से जैविक उपज की बाजार में दो से चार गुने मूल्य प्राप्त होता है। उन्होनें किसानो को सलाह दी कि अपनी फसल अवशेष को जलाये नही बल्कि कम्पोस्ट खाद बनाकर अपने खेतो में डाले इससे खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। आप सभी अपने आस-पास के किसानों को पराली जलाने से रोकें। उप निदेशक कृषि ने किसानों को बताया कि जनपद में इफ्को के पास 10 ड्रोन उपलब्ध हो गये है। नैनो डीएपी एवं नैनो यूरिया का उपयोग करें। जिला कृषि अधिकारी डॉ सूबेदार यादव ने जिले में खाद व बीज की उपलब्धता की जानकारी देते हुए बताया कि जनपद में पर्याप्त मात्रा में एनपीके एसएसपी यूरिया खाद व बीज उपलब्ध है। उन्होनें डीएपी के स्थान पर एनपीके फर्टिलाइजर/नैनो यूरिया का अधिक से अधिक उपयोग करने की सलाह दी। शीघ्र ही 50 हजार बोरी डीएपी जिले को प्राप्त होने वाली है क्षेत्रीय मांग के अनुरूप उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी प्रियानन्दा ने वर्तमान समय में फसलों में उपयोग होने वाले खरपतवार नाशी कीट नाशकों तथा उसपर देय अनुदान की जानकारी प्रदान की। कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ अरूण कुमार राजभर ने गेहॅू की देर से बोने वाली प्रजातियों की जानकारी दी तथा एक माह पूर्व बोई गयी फसलों की सिचाई करने की सलाह दी। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी मुकेश चन्द्र, अधिशाषी अभियन्ता विद्युत नानपारा रंजीत कुमार, सहायक एलडीएम बाबू लाल सहित कृषि एवं एलायड विभाग के जनपद में तहसील स्तरीय अधिकारी तथा गोविन्द शरण सिंह, सहजराम मौर्य, मुनीजर प्रसाद, संजय श्रीवास्तव, अनन्त प्रकार मौर्य, काजल जायसवाल, माया देवी सहित सैकड़ो प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।
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