बरेली में जिला न्यायाधीश ने मंगलवार को भाई की हत्या में आरोपित बाप-बेटे को फांसी की सजा सुनाई। न्यायाधीश श्री रवि कुमार दिवाकर ने कहा- रामचरित मानस का उल्लेख करते हुए कहा भारतीय सभ्यता में भगवान राम के वन जाने के पश्चात उनके अनुज भरत ने सिंहासन लेने से मना कर दिया। यह भाई का परस्पर प्रेम दिखाता है। पंरतु आपने भाई का हिस्सा हड़पने के लिए तो अपने भाई को जान से मार डाला। न्याय, सत्य और मर्यादा का पालन हर नागरिक का धर्म है। जब कोई व्यक्ति मर्यादा का उल्लंघन करता है, तो उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए
बाप-बेटे ने संपत्ति के लालच में अपने भाई के लिए हत्या कर दी थी। इस पर न्यायाधीश ने टिप्पणी करते हुए फैसला सुनाया। बहेड़ी थाना क्षेत्र में भोजपुर गांव के निवासी रघुवीर सिंह ने अपने बेटे मोनू उर्फ तेजपाल के साथ मिलकर दस वर्ष पूर्व अपने सगे भाई चरण सिंह की सुनियोजित तरीके से हत्या कर दी थी। रघुवीर ने पहले चरण को गोली मारी। उसके बाद गर्दन पर धारदार हथियार से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। गंभीर हालत में उसे अस्पताल मे भर्ती कराया गया जहां उपचार के दौरान चरण की मौत हो गई थी। पूरा विवाद संपत्ति को लेकर था। चरण सिंह का अपने भाई रघुवीर सिंह और उसके परिवार से कई साल से झगड़ा चल रहा था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में शरीर पर कई गंभीर चोटों के निशान पाए गए थे। चरण सिंह किसान थे।
रघुवीर सिंह ने भाई को गोली मारने के बाद पुलिस को चकमा देने के लिए स्वयं ही रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने मामले के तह में जाकर जांच की, तो मामला ही दूसरा निकला। जब पुलिस ने रघुवीर से कड़ाई से पूछताछ की गई, तो उसने सारा सच उगल दिया। इसके बाद पुलिस ने रघुवीर सिंह और उसके बेटे मोनू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस केस में मृतक चरण और आरोपी रघुवीर की मां सोमवती देवी की गवाही ने मृतक के परिवार को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाई ।
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