गोण्डा - जिले में प्रशासनिक तत्परता और त्वरित न्याय का एक प्रभावी उदाहरण देखने को मिला, जब जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने एक गंभीर शिकायत पर 24 घंटे के भीतर समाधान सुनिश्चित किया। ग्राम नंदौर, तहसील करनैलगंज की निवासी तारावती ने 19 दिसंबर 2024 को जिलाधिकारी को अपनी पैतृक संपत्ति पर अवैध हस्तक्षेप और वरासत रिकॉर्ड से संबंधित समस्याओं के संबंध में शिकायत की थी। जिलाधिकारी ने इस मामले को प्राथमिकता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
शिकायत का विवरण
तारावती ने अपनी शिकायत में बताया कि उनके पिता की मृत्यु के बाद उनकी पैतृक संपत्ति पर अन्य लोगों द्वारा अवैध कब्जे की कोशिश की जा रही थी। शिकायत के अनुसार, उनकी वरासत से संबंधित रिकॉर्ड में छेड़छाड़ कर कुछ लोगों ने अपना नाम दर्ज करवा लिया था। जब स्थानीय स्तर पर उन्हें न्याय नहीं मिला, तो उन्होंने जिलाधिकारी से हस्तक्षेप का अनुरोध किया।
जिलाधिकारी की त्वरित कार्रवाई
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने शिकायत प्राप्त होते ही एसडीएम करनैलगंज भारत भार्गव और तहसीलदार करनैलगंज मनीष कुमार समेत अन्य संबंधित अधिकारियों को तत्काल मौके पर जांच करने और निष्पक्ष समाधान सुनिश्चित करने का आदेश दिया। उनकी सख्त निर्देशों के तहत टीम ने मौके पर पहुंचकर विवादित भूमि और संबंधित दस्तावेजों की गहन जांच की।
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि तारावती की संपत्ति पर अवैध हस्तक्षेप किया गया था। इसके अलावा, रिकॉर्ड में गड़बड़ियों को सुधारने और उनकी संपत्ति पर अधिकार को बहाल करने की कार्रवाई भी तत्काल की गई।
24 घंटे में समाधान
जिलाधिकारी के निर्देशों का पालन करते हुए तहसील प्रशासन ने 20 दिसंबर 2024 तक मामले का समाधान सुनिश्चित किया। अवैध कब्जा हटाया गया और रिकॉर्ड में सुधार कर तारावती को उनकी संपत्ति पर कानूनी अधिकार बहाल किया गया। इस प्रक्रिया में सभी कानूनी औपचारिकताओं का पालन किया गया, जिससे पीड़िता को त्वरित न्याय मिला। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने इस कार्रवाई पर कहा, "प्रशासन का उद्देश्य है कि हर व्यक्ति को समयबद्ध और निष्पक्ष न्याय मिले। किसी भी अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनता का विश्वास बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है।"
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