राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत मुख्य चिकित्सा अघिकारी सभागार में आयोजित हुई कार्यशाला
बहराइच-शनिवार को कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार कक्ष में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत पी0आर0आई0 ट्रेनिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम कार्यशाला का आयोजन हुआ। इस प्रशिक्षण में स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, सुरक्षा विभाग एवं अन्य विभाग के कर्मचारियोें द्वारा प्रशिक्षण उन्मुखीकरण कार्यशाला तम्बाकू नियंत्रण पर प्रशिक्षण प्राप्त कर तंबाकू सेवन से होने वाली बीमारियों और बचाव के बारे में विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 संजय कुमार ने की जबकि कार्यक्रम का संचालन डा परितोष तिवारी ने किया।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 संजय कुमार बताया कि समाज में विशेषकर युवा समुदाय जानकारी के अभाव में तंबाकू उत्पाद को अपनाकर बीमारी से ग्रसित हो रहे है। लोगों को बीमारियों से बचाना उन्हें जागरूक करना स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मियों का कर्तव्य है। उन्होने बताया कि तम्बाकू की लत व्यक्ति के साथ साथ पूरे परिवार को बर्बाद कर देता है। तम्बाकू के सेवन से कई तरह की बीमारियां फैलती है, जो स्वास्थ्य एवं जीवन के लिए घातक है। तम्बाकू जहर से भी ज्यादा घातक है।प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी श्री बृजेश सिंह ने कहा कि बेहद चिन्ताजनक है कि तम्बाकू उद्योग अब युवाओं को निशाना बनाते हुए उनके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाकर अपने जेबें भर रहे हैं। अगर हम जागरूक नहीं बने तो तम्बाकू उद्योग के इस अनैतिक आचरण के चलते जल्द ही तम्बाकू और निकोटीन का उपयोग करने वाली अगली पीढ़ी हमारे सामने होगी। इस लिए इससे बचना बेहद जरूरी है और इसको हम स्वयं चाहेंगे तो दूसरों को सामाजिक स्थल पर धू्रम पान करने से रोक सकते हैं, इसके साथ साथ यह भी बताया कि तंबाकू नियंत्रण के लिए कोटपा अधिनियम 2003 बनाया गया है जिसमें धारा 4 के तहत सभी सार्वजनिक स्थानों पर धूम्र पान करना अपराध है, पकड़े जाने पर दो सौ रुपये जुर्माना हो सकता है। धारा 6बी के तहत विद्यालय के सौ गज के दायरे में कोई भी तंबाकू की दुकान नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि तंबाकू उत्पाद पर अगर चित्र के साथ चेतावनी नहीं होगी तो धारा 7 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन कर रहे गैर संचारी विभाग के डा0 परितोष तिवारी ने बताया कि तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों व उससे बचाव की जानकारी देते हुए कहा कि तम्बाकू उत्पादों से मुंह में छाले पडना, गले में छाले पडना, पेट में छाले पडना तथा फेफड़ों में छाले पड़ जाते हैं तथा टीवी होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके साथ-साथ ही श्वास की बीमारियां एलर्जी की बीमारियां डायबिटीज ब्लड प्रेशर बढना, अनिद्रा इत्यादि प्रकार की बीमारियां भी इससे हो जाती है। जो लोग इसके आदी हो जाते हैं या जिनको लत लग जाती है वह चाहकर भी इसे नहीं छोड़ पाते हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कैंसर रोगो जैसे मुॅह का कैसर व महिलाओं मंे होने वाले बैस्ट व सर्वाइकल कैंसर पर भी चर्चा हुई। जिला कार्यक्रम प्रबन्धक सरजू खान ने बताया कि तम्बाकू के उपयोग का प्रभाव केवल मृत्यु दर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन की गुणवत्ता और खराब मानसिक स्वास्थ्य से निपटने के प्रयासों को भी प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए तम्बाकू मानसिक स्वास्थ्य के लिए कुछ दवाओं की प्रभावशीलता को कम कर देता है।
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