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Nov 24, 2024

चितचोर करे विभोर, मनमोहन माखन चोर, देखो कैसे रूप से अपने लुभातें रहयों

 ऐसे चितचोर की ,लीलामयी हर भोर, ज्यूं ज्यूं कही जाए, मन ललचाते रहयों,,

(चितचोर से माखन चोर तक )

फखरपुर /न्याय पंचायत सराय अली के कोठवल कला गांव में चल रही संगीत मय श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ  कथा के पंचम दिवस  कथा व्यास आचार्य रमेश चंद्र शास्त्री जी महाराज ने भगवान कन्हैया के जीवन से जुड़ी हुई तमाम लीलाओं का वर्णन किया आचार्य ने कहा कि ब्रजराज किशोर से कन्हैया चितचोर हुए इसके बाद माखन चोर तक पहुंचे कन्हैया हमेशा देखते थे कि  नंद बाबा ग्वाल वालों को साथ लेकर दूध, दही, मक्खन लेकर आखिर मथुरा क्यों जाते हैं मेहनत हम सब करते हैं गो पालन हम करते हैं और दूध ,दही, मक्खन मामा कंस की यहां  राक्षस एवं पहलवान खाते हैं इसलिए ग्वाल बालों की टोली बनाकर कन्हैया एक दूसरे के घर में माखन चोरी की लीला प्रारंभ कर दिया,,, शास्त्री जी ने कहा कि एक दिन कन्हैया ने ग्वाल बालों को बुलाकर  अपने ही घर में माखन की चोरी कराई मैया यशोदा ने कन्हैया को पकड़ लिया और कन्हैया से पूछा क्या तूने मक्खन खाया है मैया के डर बस आज कन्हैया के मुख से अनायास निकल गया मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो ,,मैया जी मेरे पास इतना समय कहां रहता है कि मैं मक्खन खा सकू मैंने कोई माखन नहीं खाया है जिसका वर्णन बाबा सूरदास जी ने बहुत सुंदर ढंग से सूरसागर नामक ग्रंथ में किया है कि कन्हैया कहते हैं हे मैया मैं तो भोर भयो गाईयन के पीछे तूने मधुबन मोहि पठायो,,,, चार प्रहर वंशी भट भट क्यों साझ पड़े घर आओ,,,, मैया मोरी मैं कब माखन खायो मुख्य यजमान की भूमिका निभा रहे क्षत्रियकुलभूषण सपत्नी प्रेमनाथ सिंह ने पूजा आरती के पश्चात कथा श्रवण किया सहयोगी कलाकारों ने सुंदर-सुंदर भजन सुना कर लोगों को मंत्र मुक्त कर दिया इस अवसर पर बाबू लल्लन सिंह, सूबेदार सिंह, कुंवर अनूप सिंह, नंगू सिंह, राम उग्र सिंह, अजीत सिंह, अंकुर सिंह, सनी सिंह, किरन सिंह, सीमा सिंह, दिव्या सिंह, विनीता सिंह, जीत सिंह पवार, सूर्यभान सिंह एडवोकेट, दिग्विजय सिंह,  रवि सिंह, राहुल सिंह पत्रकार आदि लोग उपस्थित रहे।

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