Nov 7, 2024

जनपद में उपलब्ध हैं पर्याप्त मात्रा में गुणवत्ता युक्त बीज: जिला कृषि अधिकारी

 रबी में अच्छे उत्पादन के लिए समय से बुआई करें किसान

बहराइच । जिला कृषि अधिकारी द्वारा जानकारी दी गयी है कि रबी 2024-25 में बुआई के लिए जनपद में पर्याप्त मात्रा में गुणवत्ता युक्त बीजों की उपलब्धता है। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि गेहॅू (डीबीडब्लू-187, 222 व 303, डब्लूएच-1270, एच.डी.-3226, 3086, पीबीडब्लू-01 जेडएन, डी.बी.डब्लू.-327 व पीबीडब्लू-343 उन्नत प्रजाति का 7028.40 कुण्टल, मटर आईपीएफडी-2014-02 व आईपीएफडी-11-05 प्रजाति का 124.5 कुण्टल, चना पन्त-5, जीएनजी-2207 व एच-7 प्रजाति का 109.44 कुण्टल व राई/सरसों पीपीएस-01 प्रजाति का 24.20 कुण्टल, मसूर पीएल-09, कोटा-03, आईपीएल-220, केएलबी-2008-4 प्रजाति का 606.54 कुण्टल प्रमाणित/आधारीय जिले राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर कृषकों में बिक्री हेतु उपलब्ध हैं। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि रबी 2024-25 के लिए गेहूॅ प्रमाणित बीज के लिए रू. 4395=00 व आधारीय बीज के लिए रू. 4595=00, मसूर प्रमाणित के लिए रू. 10440=00 व आधारीय के लिए रू. 10855=00, मटर प्रमाणित के लिए रू. 8170=00 व आधारीय के लिए रू. 8480=00, चना प्रमाणित के लिए रू. 9830=00 व आधारीय के लिए रू. 10440=00 तथा राई/सरसों प्रमाणित के लिए रू. 10660=00 व आधारीय के लिए रू. 10960=00 प्रति कण्टल बिक्री दर निर्धारित की गयी है।जिला कृषि अधिकारी ने किसानों को सुझाव दिया है कि रबी 2024-25 में अपने खेतों की बुआई के लिए बीज प्राप्त करने हेतु अपने ब्लाक के राजकीय कृषि बीज भण्डार प्रभारी से आधार कार्ड व खसरा/ खतौनी की छायाप्रति के साथ सम्पर्क कर पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाकर बीज पर देय अनुदान को काटकर कृषक अंश का भुगतान कर बीज प्राप्त कर समय से बुआई कर अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते है। बुआई से पूर्व कृषकों को 05 ग्राम ट्राइकोडरमा या 02 ग्राम कार्बन्डाजिम प्रति किलोग्राम बीज के साथ मिलाकर बीज शोधन अवश्य करें। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि मृदा स्वास्थ को सबसे अधिक नुकसान अत्यधिक मात्रा में डीएपी व यूरिया के प्रयोग से हो रहा है। उन्होंने कृषकों का सलाह दी है कि डीएपी के स्थान पर सिंगल सुपर फास्फेट व नैनो डीएपी तथा यूरिया के स्थान पर सुपर गोल्ड (सल्फर कोटेड), यूरिया या नैनो यूरिया का फसलों में अधिक से अधिक प्रयोग करें ताकि मृदा स्वास्थ और उत्पादन पर कोई प्रभाव न पड़े। साथ ही साथ गेहूं की बुआई माह नवम्बर में अवश्य कर दी जाय ताकि किसान भाई अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सके।

             

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