लखनऊ - लखनऊ की सीबीआई की विशेष अदालत ने पुलिस उपाधीक्षक जियाउल हक हत्याकांड में दस आरोपियों/ दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही सभी पर 19,500 का जुर्माना लगाया है। कुल जुर्माने की रकम 1 लाख 95 हजार जमा की जाएगी। जिसका आधी रकम ज़ियाउल हक की पत्नी को दिया जाएगा।
अदालत ने 5 अक्टूबर को 10 लोगों को दोषी करार दिया गया था। 11 साल पहले कुंडा में प्रधान सुरेश यादव और उनके छोटे भाई की हत्या के बाद आक्रोशित भीड़ द्वारा तत्कालीन क्षेत्राधिकारी जियाउल हक की लाठी-डंडों से पीटने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। क्षेत्राधिकारी के परिजनों ने हत्या का आरोप स्थानीय विधायक और प्रदेश सरकार में करीना मंत्री श्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और उस वक्त उनके करीबी ग्राम प्रधान गुलशन यादव पर लगा था, बताते चलेंकि कि वर्ष 2022 में राजा भैया और गुलशन यादव दोनों कुंडा विधानसभा सीट से विधायक पद के प्रत्याशी थे । दोषियों में फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन गौतम, छोटेलाल यादव, राम आसरे, मुन्ना पटेल, शिवराम पासी, और जगत बहादुर पाल उर्फ बुल्ले पाल का नाम शामिल है। सभी को आज बुधवार दोपहर बाद अदालत में पेश किया गया। बीते 2 मार्च 2013 को कुंडा में हुई इस घटना के बाद पूरे राज्य में हड़कंप मच गया था।
फोटो संख्या 5 में दिवंगत प्रधान और उनके भाई)
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