अराजक तत्वों पर की जाये कड़ी कार्रवाईः एसपी
एसपी ने की अपराध समीक्षा गोष्ठी, मातहतों को दिए निर्देश
बहराइच। पुलिस अधीक्षक वृन्दा शुक्ला द्वारा पुलिस लाइन सभागार में अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण डा. पवित्र मोहन त्रिपाठी, अपर पुलिस अधीक्षक नगर रामानन्द कुशवाहा व समस्त राजपत्रित अधिकारियों व थाना प्रभारियों/शाखा प्रभारियों सहित अन्य पुलिस अधिकारी, कर्मचारीगण के साथ अपराध समीक्षा गोष्ठी की गई। एसपी द्वारा भा.द.वि./बीएनएस व अधिनियम के तुलनात्मक अपराध आंकड़ों एवं महिला अपराधो की समीक्षा के साथ-साथ थानों एवं क्षेत्राधिकारीगण के पास लम्बित विवेचना, लम्बित एस.आर, वांछित, पुरस्कार घोषित अभियुक्त, सक्रिय अपराधी, एनबीडब्ल्यू अभियुक्तों की गिरफ्तारी, विभिन्न माध्यमों से प्राप्त लम्बित प्रार्थना-पत्रो की जांच व कार्यवाही, एवं जी.आर/वी.आर./पासपोर्ट आदि पर समय से अपेक्षित कार्यवाही किए जाने के सम्बन्ध में गोष्ठी करते हुए अन्य अपराधिक आकड़ों की समीक्षा कर सम्बन्धित को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया। आईजीआरएस के लम्बित प्रार्थना पत्रों की प्राथमिकता के आधार सर्किलवार/थानावार विवरण प्राप्त कर उसकी समीक्षा की गई साथ ही निर्देशित किया गया कि किसी भी दशा में कोई भी आईजीआरएस डिफाल्टर न होने पाये व समस्त आईजीआरएस, जनशिकायती प्रार्थना पत्रो के जाँच अधिकारी द्वारा मौके पर जाकर ही जाँच किया जाये। इसके अतिरिक्त रंजिशन हत्या, लूट, डकैती, वाहन चोरी, नकबजनी, महिला अपराध, जैसे जघन्य आपराधिक घटनाओं पर प्रभावी रोकथाम लगाने के लिए नियमित पैदल गश्त, प्रभावी रात्रि गश्त, पुलिस मित्रो, आमजनमानस से परस्पर संवाद स्थापित करना, अराजक तत्वों पर प्रभावी निरोधात्मक कार्यवाही करने, जमीन सम्बन्धित मामलों में पुलिस व राजस्व टीम द्वारा संयुक्त रुप से मिलकर विवाद को निस्तारित कराने, पशु तस्करी, अवैध खनन, अवैध शराब, मादक पदार्थों के परिवहन, बिक्री पर रोकथाम लगाने के लिए कार्ययोजना बनाकर कार्य करना तथा न्यायालय व उच्चाधिकारीगण के आदेशों, निर्देशों का समयबद्ध व शत् प्रतिशत अनुपालन कराने के साथ साथ क्षेत्र में नियमित वाहन, बैंक, जनसेवा केंद्रों की चेकिंग, सक्रिय अपराधियों, गौ तस्करों, चोरों की चेकिंग करने तथा अनावरण हेतु शेष अभियोग की सभी क्षेत्राधिकारी द्वारा अलग अलग कार्य योजना बनाकर यथाशीघ्र अनावरण किये जाने, जमानत पर बाहर आए अपराधियों की लगातार निगरानी व सत्यापन करने के निर्देश दिए गए। थाने पर प्राप्त आवश्यक व संवेदनशील सूचनाओं को तत्काल उच्चाधिकारियों को दिये जाने व प्रत्येक फरियादी की समस्या को गंभीरता पूर्वक सुनने व उनसे सौम्य व्यवहार करने तथा उनकी शिकायत, समस्या का यथाशीघ्र विधिक समाधान करने के सख्त निर्देश दिये गये।
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