गैर शैक्षणिक कार्य हेतु वेतन रोकने के आदेश का राष्ट्रीय शैक्षिक संगठन बहराइच ने किया विरोध।
संगठन ने पत्र देकर आदेश को रद्द करने की मांग की।
बहराइच, जिले के परिषदीय विद्यालयों के छात्रों के लिए विभाग द्वारा ड्रेस, स्कूल बैग, जूते मोजे, आदि के लिए उनके अभिभावकों के खातों में डीबीटी के माध्यम से प्रदान की जाने धनराशि का कार्य लम्बित होने के कारण जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के 75 प्राथमिक, उ०प्रा०, संविलियन विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों, इंचार्ज प्रधानाध्यापकों का वेतन रोकने के आदेश से शिक्षक संगठन में असंतोष प्रकट करते हुए उक्त आदेश को रद्द करने की मांग की है।राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ बहराइच के जिलाध्यक्ष आनन्द मोहन मिश्र ने बताया कि छात्रों को डी.बी.टी. धनराशि प्रेषण का काम गैर शैक्षणिक कार्य है, फिर भी ज्यादातर शिक्षकों का डी.बी. टी. का कार्य पूर्ण है, लेकिन एप में तकनीकी कारण से डाटा विलम्ब से प्रदर्शित होता है। इसलिए शिक्षको का वेतन बाधित किया जाना कतई उचित नही है। संगठन ने बीएसए को इस बाबत पत्र देकर आदेश रद्द करने की मांग की है। जिस पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आशीष कुमार सिंह ने दोबारा उक्त कार्य की प्रगति जांचकर कार्यवाही की बात कही।जिला महामंत्री उमेश चन्द्र त्रिपाठी ने ज्ञापन के माध्यम से इंचार्ज प्रधानाध्यापक के रूप में कार्य कर रहे सभी सहायक अध्यापकों को प्रभारी प्रधानाध्यापक के दायित्व के निर्वहन की तिथि से प्रधानाध्यापक पद का वेतन एवं एरियर दिए जाने की भी मांग की। इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष पंकज वर्मा, कोषाध्यक्ष सगीर अंसारी आदि मौजूद रहे।
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