खरीफ सीज़न के लिए पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं गुणवत्ता युक्त बीज
बहराइच । जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पाण्डेय ने बताया कि खरीफ 2024-25 में बुआई के लिए जनपद में पर्याप्त मात्रा में गुणवत्ता युक्त बीज उपलब्ध है। श्री पाण्डेय ने बताया कि जनपद में कृषि विभाग के पास अब तक धान एनडीआर-2064 आधारीय, एनडीआर-2065 आधारीय/प्रमाणित, पन्त-26 आधारीय, एनडीआर-993011, सीआर-310 आधारीय, सरयू-52 आधारीय, धान एचयूआर-917 प्रमाणित, बीपीटी-5204 प्रमाणित, उर्द एवं मूंग प्रमाणित, मूंगफली आधारीय प्रजाति के बीज जनपद के राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर कृषकों हेतु बिक्री के लिए उपलब्ध है। जिला कृषि अधिकारी श्री पाण्डेय ने बताया कि खरीफ 2024-25 हेतु धान मोटा (समस्त प्रजाति) प्रमाणित बीज के लिए रू. 4193=00 व आधारीय के लिए रू. 4330=00, धान महीन (समस्त प्रजाति) प्रमाणित बीज के लिए रू. 4223=00 व आधारीय के लिए रू. 4360=00, धान बासमती (समस्त प्रजाति) प्रमाणित बीज के लिए रू. 6534=00 व आधारीय के लिए रू. 6780=00, उर्द (समस्त प्रजाति) प्रमाणित बीज के लिए रू. 13765=00 व आधारीय के लिए रू. 14450=00, मूंग (समस्त प्रजाति) प्रमाणित बीज के लिए रू. 14314=00 व आधारीय के लिए रू. 15040=00 तथा मूंगफली (समस्त प्रजाति) प्रमाणित बीज के लिए रू. 10406=00 व आधारीय के लिए रू. 11370=00 प्रति कुण्टल बिक्री दर निर्धारित की गयी है। उक्त बीज़ों की बिक्री पर अधिकतम 50 प्रतिशत का अनुदान अनुमन्य है।जिला कृषि अधिकारी ने कृषकों को सलाह दी है कि खरीफ 2024-25 में अपने खेतों की बुआई/रोपाई के लिए बीज प्राप्त करने हेतु अपने ब्लाक के प्रभारी राजकीय कृषि बीज भण्डार से आधार कार्ड से पीओएस मशीन के माध्यम से बीज पर देय अनुदान (ऐटसोर्स सब्सिडी) कृषक अंश का भुगतान कर गुणवत्तायुक्त बीज प्राप्त करें तथा बीज क्रय की रसीद राजकीय कषि बीज भण्डार प्रभारी से अवश्य प्राप्त करें। इस प्रकार किसान भाई अनुदान का लाभ तत्काल प्राप्त करें। श्री पाण्डेय ने बताया कि बीज़ों की बिक्री पर सरकार द्वारा देय अनुदान अधिकतम 50 प्रतिशत अथवा 10 वर्ष से अधिक की प्रजाति पर रू. 1300=00 प्रति कुण्टल अनुमन्य है।पाण्डेय ने कृषकों को सुझाव दिया है कि अधिक पैदावार प्राप्त करने हेतु जनपद के राजकीय कृषि बीज भण्डारों से गुणवत्तायुक्त बीज कय कर खेतों की बुआई/रोपाई करें। बुआई से पूर्व खेत की गर्मी की जुताई अवश्य की जाय तथा बीज की बुआई से पूर्व बीज शोधन अवश्य किया जाय। इसके लिये ट्राइकोडर्मा 05 ग्राम प्रति किग्रा०, कार्बन्डाजिम 50 प्रतिशत 02 ग्राम प्रति किग्रा०, थीरम 2.5 ग्राम प्रति किग्रा० बीज के साथ मिलाकर बीज शोधन अवश्य किया जाय। माह में अधिक तापमान होने के कारण किसान भाई धान बीज की नर्सरी सायं को ही डालें तथा उसकी सिंचाई सायं को ही करें। धान नर्सरी की सिंचाई दिन मे कदापि न की जाये क्योंकि नर्सरी में पानी भरे होने से तापमान के कारण पानी गर्म होने की दशा में नर्सरी गलने की सम्भावना अधिक रहती है। जिस कारण किसान भाई को नर्सरी गलने के कारण क्षति का सामना करना पड़ सकता है।
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