सेवानिवृत्त हो रहे मण्डलायुक्त को जिले में दी गई भावभीनी विदाई
बहराइच। आसन्न 31 मई को अधिवर्षता की आयु पूर्ण कर सेवानिवृत्त होने वाले आयुक्त देवीपाटन मण्डल गोण्डा योगेश्वर राम मिश्र को कलेक्ट्रेट सभागार बहराइच में आयोजित समारोह में जिले के अधिकारियों द्वारा भावभीनी विदाई दी गई। विदाई समारोह के लिए धर्म पत्नी डा. सुधा मिश्र, प्रोफेसर के.जी.एम.जी.पी.जी. कालेज लखनऊ के साथ पधारे आयुक्त श्री मिश्र का कलेक्ट्रेट सभागार पहुंचने पर डीएम मोनिका रानी, एसपी बृन्दा शुक्ला, सीडीओ रम्या आर, सीआरओ देवेन्द्र पाल सिंह, एडीएम गौरव रंजन श्रीवास्तव, नगर मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर सहित अन्य अधिकारियों ने पुष्पगुच्छ, स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्र भेंट कर गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। विदाई समारोह को सम्बोधित करते हुए डीएम मोनिका रानी, एसपी बृन्दा शुक्ला, सीडीओ रम्या आर, एडीएम गौरव रंजन श्रीवास्तव, एसडीएम कैसरगंज पंकज दीक्षित, तहसीलदार नानपारा अजय यादव, ईओ बहराइच प्रमिता सिंह, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी बी.पी. सत्यार्थी, डीएचईआईओ बृजेश सिंह, उप निदेशक कृषि टी.पी. शाही, उपायुक्त मनरेगा के.डी. गोस्वामी, बीडीओ फखरपुर अजय प्रताप सिंह सहित अन्य वक्ताओं ने आयुक्त श्री मिश्र के कृतत्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। डीएम मोनिका रानी ने कहा कि मण्डलायुक्त की मानवीय संवेदना, सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक सरोकार एवं कुशल प्रशासनिक क्षमता के कारण श्री मिश्र का कार्यकाल अविस्मरणीय रहेगा। डीएम ने कहा कि आयुक्त के सहज व्यक्तित्व के कारण आकांक्षात्मक जनपद बहराइच में उल्लेखनीय उपलब्धि अर्जित की गई है। डीएम ने कहा कि मण्डलायुक्त की विशेष खूबी यह है कि जब भी कोई अच्छा कार्य होता है तो एक वरिष्ठ अधिकारी, संरक्षक एवं परिवार के मुखिया के नाते हमेशा हौसला अफज़ाई भी करते हैं। मण्डलायुक्त योगेश्वर राम मिश्र व उनकी धर्म पत्नी डॉ. सुधा मिश्र ने विदाई समारोह को सम्बोधित करते हुए डीएम व एसपी सहित सभी अधिकारियों का आभार ज्ञापित किया। आयुक्त श्री मिश्र ने जिले के अधिकारियों को सीख दी कि सरकारी सेवा को एक अवसर की तरह से लें। सरकारी अधिकारी व कर्मचारी के नाते हमें एक ओर जहां अधिकार मिले हैं कुछ जिम्मेदारियां भी दी गई हैं। हमें पूरे अनुशासन और लगन के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना चाहिए ताकि सेवाकाल के दौरान हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ पहुॅचा सकें। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक कवि संतोष सिंह ने किया।
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