गोण्डा–जनपद में सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाना या उसे गंदा करना अब महंगा पड़ेगा। ऐसा करने वालों को भारी जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। नगर पालिका परिषद गोण्डा द्वारा ऐसी ही एक कार्यवाही बुधवार को की गई। नगर पालिका ने एक कोचिंग संचालक पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। कोचिंग संचालक द्वारा सार्वजिक सम्पत्ति को गंदा करने के चलते यह कार्यवाही की गई है। उधर, जिलाधिकारी नेहा शर्मा के आदेश पर इस प्रकार के प्रकरणों में त्वरित कार्यवाही के लिए क्विक रेस्पॉंस टीम का गठन कर दिया गया है। जनपद के सभी नगरीय निकायों में इनका गठन किया गया है। यह टीम उक्त प्रकरणों में त्वरित कार्यवाही करके रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी।
गोण्डा के कृष्ण क्लासेज के नाम से संचालित एक कोचिंग सेंटर के संचालक ने अपने प्रचार- प्रसार के लिए सार्वजनिक दीवरों पर पोस्टर चिपका दिए थे। यह वही सार्वजनिक स्थल हैं जिनका बीते दिनों जिला प्रशासन और नगर पालिका परिषद के प्रयासों से सौंदर्यीकरण किया गया है। अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद गोण्डा संजय मिश्र ने बताया कि प्रकरण के सामने आने के बाद तत्काल कार्यवाही की गई है। संचालक पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। उन्होंने कहा कि उनकी टीम लगातार नजर बनाए हुए हैं। ऐसी किसी भी गतिविधि पर तत्काल कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने अपील की है कि नगर पालिका के नियमों का पालन करें और सार्वजनिक संपत्ति का विरूपण न करें। उन्होंने साफ किया है कि सार्वजनिक संपत्ति के विरूपण के खिलाफ कड़े कदम उठाने का उद्देश्य गोण्डा नगर के सार्वजनिक स्थलों की साफ-सफाई, सुरक्षा और विकास को सुनिश्चित करना है।
निरंतरता बनाए रखना सामूहिक जिम्मेदारी
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से जनपद में सौंदर्यीकरण को लेकर निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले कुछ समय में बदलाव भी सामने आए हैं लेकिन, इसकी निरंतरता बनाए रखने में सभी का सहभागिता अनिवार्य है। सार्वजनिक संपत्ति का विरूपण किया जाना, जनपद के विकास को प्रतिबंधित करता है।
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