उत्तराधिकारियों ने स्वतत्रता संग्राम सेनानी पं.हरिश्चन्द्र को किया याद
सेनानी भवन में श्रद्धांजलि सभा आयोजित
बहराइच। स्थानीय सेनानी भवन सभागार में पूरे देश में चल रहे स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारियों की तरफ से प्रत्येक माह के प्रथम रविवार को सुबह दस बजे दस मिनट अपने पूर्वजों स्वतंत्रता सेनानियों, शहीदों को श्रद्धांजलि, पुष्पांजलि अर्पण करने के क्रम में 05 मई को बहराइच जिले के तहसील महसी ग्राम एरिया निवासी महान स्वतंत्रता सेनानी एवं संत विनोबा भावे के सहयोगी पंडित हरिश्चन्द्र उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम सम्पादित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपाध्याय के सुपुत्र आशाराम उपाध्याय ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी हरिश्चन्द्र उपाध्याय का जन्म 01 जुलाई 1918 को बहराइच जिले के ग्राम एरिया तहसील महसी जनपद बहराइच में पंडित लक्ष्मी नारायण गौड़ के यहां हुआ। 1941 एव ं1942 के स्वतंत्रता आन्दोलन में अविभाजित जनपद बहराइच का कुशल नेतृत्व करते हुए दो वर्ष की कठोर कारावास एवं 400/- रूपए जुर्माने की सजा भोगी थी। संगठन के प्रदेश कार्यवाहक महामंत्री रमेश कुमार मिश्र ने कहा कि उपाध्याय जी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों को आत्मसात करते हुए अपने सरकारी दायित्व से त्यागपत्र देकर देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आजादी के बाद संत विनोबा भावे के सर्वोदय एवं ग्राम स्वराज स्थापना के कार्य में, भूदान यज्ञ समिति में अपनी पांच एकड़ जमीन दान देकर तहसील नानपारा के मिहींपुरवा क्षेत्र में सक्रिय हो गए और जनपद बहराइच एवं श्रावस्ती के बड़े बड़े जमींदारों से 1283 एकड़ भूमि दान लेकर भूमिहीन गरीबों को वितरित किया। संगठन संरक्षक अनिल त्रिपाठी ने कहा कि उपाध्याय जी अपनी कार्यकुशलता, कर्तव्य निष्ठा, ईमानदारी, न्याय प्रियता के गुणों के कारण पूरे बहराइच एवं श्रावस्ती में जन जन के हृदय में स्थापित हुए और जीवन भर राष्ट्र एवं समाज सेवा के लिए समर्पित रहे। संगठन के शहर अध्यक्ष राजू मिश्र उर्फ मुन्ना भैया ने कहा कि उपाध्याय जी जीवन पर्यन्त जिले की जनता एवं देश सेवा में लगे रहे। अन्त में कार्यक्रम में उपस्थित सेनानी उत्तराधिकारियों ने उपाध्याय जी के प्रति सद्भावना प्रकट करते हुए उनके सद्विचारों को आत्मसात करने के संकल्प के साथ कार्यक्रम समाप्त किया। इस अवसर पर वरिष्ठ सेनानी उत्तराधिकारी भानु प्रताप द्विवेदी एडवोकेट, तुलसी राम, रक्षाराम यादव, श्रीमती फूलमती देवी, शिव नारायण, मुकेश श्रीवास्तव, आदित्य भान सिंह, तुलसी राम, जाहिर अली, दोस्त मोहम्मद, अब्दुल रहमान, राजेन्द्र प्रसाद मिश्र, राम किशुन, ननकू, अंगनू राम सहित कई सेनानी उत्तराधिकारी मौजूद रहे।
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