जलिया वाला बाग के शहीदों को नमन
सेनानी उत्तराधिकारियों ने मोमबत्ती जलाकर शहीदों को दी श्रद्धांजलि
जलियांवाला बाग काण्ड की 105वीं बरसी मनाई गई
बहराइच। स्थानीय शहीद स्मारक पर जलियांवाला बाग काण्ड की 105वीं बरसी मनाई गई। इस अवसर पर सेनानी उत्तराधिकारियों ने शहीदों के आत्माओं के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की, और उनके याद में दीपक प्रज्ज्वलित किया। संगठन संरक्षक अनिल त्रिपाठी एडवोकेट ने कहा कि 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के पास जलियांवाला बाग में अंग्रेज फौजी अफसर जनरल डायर के आदेश पर अंग्रेजी फौज ने वैसाखी पर्व मना रहे निहत्थे अहिंसक नागरिकों पर गोलियां बरसाईं जिससे कई सौ देश भक्त भारत माता की गोद में सो गए और हजारों लोग घायल हुए। संगठन के प्रदेश कार्यवाहक महामंत्री रमेश कुमार मिश्र ने कहा कि 1650 राउंड फायरिंग के बाद भी अंग्रेजी सरकार की घोषणा में कहा गया कि इस कार्यवाही का उद्देश्य बैठक को तितर-बितर करना नहीं बल्कि अवज्ञा के लिए भारतीयों को दण्डित करना था। हालांकि इस घटनाक्रम ने देश के नौजवानों में अत्यधिक जोश भरा और पूरे भारत में इसका विरोध हुआ। संगठन के युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष मुकेश श्रीवास्तव ने कहा कि रिटायर होने के बाद जनरल डायर लंदन में बस गया। सरदार ऊधम सिंह ने 1940 में जलियांवाला बाग नरसंहार के लिए दोषी जनरल डायर को मार दिया, उसे मारकर ऊधम सिंह ने हिन्दू मुस्लिम सिख सभी धर्मों के शहीदों के अपमान का बदला लिया। अन्त में सभी देशभक्तों ने देश के प्रति जलियांवाला बाग के शहीदों से प्रेरणा लेकर राष्ट्रसेवा का संकल्प लिया और कार्यक्रम समाप्त किया गया। इस अवसर पर राकेश चौहान, कुंवर बाल्मीकि, सोनू श्रीवास्तव, संतोष त्रिपाठी, संगठन के शहर अध्यक्ष राजू मिश्र उर्फ मुन्ना भैया सहित तमाम राष्ट्र भक्त मौजूद रहे।
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