गोंडा–जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने नगर पालिका परिषद नवाबगंज, नगर पालिका परिषद करनैलगंज, नगर पंचायत मनकापुर, नगर पंचायत खरगूपुर, नगर पंचायत कटरा और नगर पंचायत परसपुर में विकास कार्यों को मंजूरी दे दी गई है। अब इन नगरीय निकायों में 507.37 लाख रुपये की लागत से नाली निर्माण, सड़क निर्माण से लेकर सौंदर्यीकरण जैसे विकास कार्य हो सकेंगे। वहीं, नगर पालिका परिषद गोण्डा के प्रस्तावों को जिलाधिकारी का अनुमोदन नहीं मिल पाया है। नगर पालिका परिषद द्वारा दुकानों का किराया बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव पर चुप्पी साध ली गई है, जिसका नतीजा है कि नगर पालिका क्षेत्र में विकास कार्यों को मंजूरी नहीं मिल सकी।
बता दें, जनपद के नगरीय निकाय आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। इसका असर क्षेत्र के विकास कार्यों से साथ कर्मचारियों के वेतन तक पर पड़ता है। इन निकायों की सम्पत्ति पर बनी कई दुकानों से मात्र 10, 20, 50 रुपये जैसा किराया लिया जा रहा है। जोकि, वर्तमान में व्यवहारिक भी नहीं है। ऐसे में निकायों को आर्थिक तंगी से उबारने के लिए जिलाधिकारी द्वारा किराया बढ़ाने का सुझाव रखा गया था। नगर पालिका परिषद करनैलगंज, नगर पालिका परिषद नवाबगंज, नगर पंचायत कटरा और नगर पंचायत खरगूपुर ने स्वीकार्य भी कर लिया, लेकिन, नगर पालिका गोण्डा द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया है।
इन निकायों में विकास कार्यों को मिली रफ्तार
नगरीय निकाय निदेशालय द्वारा नगर पालिका परिषद नगर पालिका नवाबगंज, करनैलगंज, गोंडा के साथ ही नगर पंचायत मनकापुर, नगर पंचायत खरगूपुर, नगर पंचायत कटरा और नगर पंचायत परसपुर को 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के क्रम में विकास कार्यों के लिए धनराशि का आवंटन किया है। इस धनराशि के माध्यम से स्ट्रीट लाइट, नाली निर्माण, हैंडपम्प रिबोर, मोबाइल टॉयलेट, सीसी रोड, फॉगिंग कैमिकल, कूड़ा वाहन, डस्टबिन जैसे आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था की जानी है। यह धनराशि निकायों को अवमुक्त की गई है। नगर पालिका परिषद नवाबगंज में 109.82 लाख रुपये, नगर पालिका करनैलगंज में 161.10 लाख रुपये, नगर पंचायत मनकापुर में 51.33 लाख रुपये, खरगूपुर के लिए 44.85 लाख रुपये, कटरा के लिए 45.87 लाख रुपये और परसपुर के लिए 94.40 लाख रुपये की विकास संबंधी प्रस्तावों को हरी झंड़ी दिखाई गई है। निर्धारित प्रक्रिया के तहत नगरीय निकायों द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए। इन पर विचार विमर्श के लिए बीती 22 नवम्बर को बैठक का भी आयोजन किया गया। आर्थिक तंगी से उबारने की कोशिश आमतौर पर जनपद की नगरीय निकायों द्वारा आय न होने के कारण आर्थिक तंगी का हवाला दिया जाता है। इससे विकास कार्यों में तो बाधा उत्पन्न होने के साथ ही कर्मचारियों का वेतन तक फंस जाता है। नगरीय निकायों की आमदनी का एक जरिया उनकी सम्पत्ति पर बनी दुकानें भी हैं। अभी तक कई निकायों में मुख्य़ बाजारों में स्थित दुकानों से भी मात्र 10, 20 रुपये किराया लिया जा रहा था। ऐसे में आर्थिक तंगी से जूझ रहे निकायों को उबारने के लिए जिलाधिकारी द्वारा दुकानों का किराया बढ़ाने का सुझाव रखा गया था। जिसपर नगर पालिका परिषद करनैलगंज, नगर पालिका परिषद नवाबगंज, नगर पंचायत कटरा और नगर पंचायत खरगूपुर द्वारा इसका प्रस्ताव उपलब्ध करा दिया गया। लेकिन, बार-बार निर्देशों के बाद भी नगर पालिका परिषद गोण्डा द्वारा किराया वृद्धि के संबंध में प्रस्ताव उपलब्ध नहीं कराया गया। जिसके चलते जिलाधिकारी ने नगर पालिका गोण्डा को छोड़कर निकायों में विकास कार्य संबंधी प्रस्तावों को हरी झंड़ी दिखा दी।
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