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Jul 11, 2023

चूहों/छछूंदर के नियंत्रण के लिए संचालित होगा अभियाऩ

 चूहों/छछूंदर के नियंत्रण के लिए संचालित होगा अभियाऩ

बहराइच। शासन के निर्देश के क्रम में संचारी रोगों की रोकथाम के लिए 31 जुलाई 2023 तक संचालित किये जा रहे संचारी रोग नियंत्रण अभियान के दौरान कृषि विभाग द्वारा संचारी रोगों के वाहक/वेक्टर के रूप में कार्य करने वाले चूहों/छदंूदर के नियन्त्रण के लिए जन जागरूकता के लिए कार्ययोजना तैयार की गयी है।यह जानकारी देती हुई जिला कृषि रक्षा अधिकारी प्रियानन्दा ने बताया कि शासन के निर्देशों के अनुपालन में अधिक जोखिम वाले जनपद बहराइच में कृषि रक्षा अनुभाग कृषक गोष्ठी/वार्ता, प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को कृतंक नियंत्रण के सुरक्षित उपायों के बारे में जागरूक किया जायेगा। समस्त न्यायपंचायतों में 136 कार्मिकों तथा पर्येवक्षणीय दायित्व के लिए ब्लाक स्तर पर कर्मचारियों की डयूटी लगायी गयी है। उन्होंने ने बताया कि कृतंक नियंत्रण के लिए जनपद की कृषि रक्षा इकाईयों पर उपलब्ध कृषि रक्षा रसायन जिंक फास्फाइड 80 प्रतिशत तथा एल्युमिनियम फास्फाइड 56 प्रतिशत के माध्यम से संचारी रोगों की रोकथाम किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि चूहे एवं छदंूदर से स्क्रब टाइफस व लेप्टोस्पाइरोसिस जैसी बीमारियां पायी जाती है। स्क्रब टाइफस बीमारी चूहे के शरीर के बालों में मौजूद पिस्सू से होता है, जिसके लक्षण बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते एवं आंख में संक्रमण है तथा लेप्टोस्पाइरोसिस की बीमारी चूहे के मूत्र में मौजूद बैक्टीरिया से होता है, जिसके लक्षण तेज बुखार उल्टी एवं आंख में संक्रमण है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी प्रियानन्दा ने कृषकों को सुझाव दिया है कि कृषि रक्षा रसायन का प्रयोग करते हुए एक बिल/छेद के लिए 01 ग्राम दवा में 1.0 ग्राम सरसों का तेल व 48 ग्राम सूखा भुना आटा मिलाकर चूहे के बिल/छेद के पास या घर के कोने में रखं और अगले दिन निरीक्षण करें। चूहे के न मरने की दशा में पुनः उक्त रसायन का प्रयोग करें। यदि चूहा मरता है तो उसे ज़मीन में गड्ढा खोदकर दबा दें। किसानों को सुझाव दिया गया कि कृषि रक्षा रसायनों को बच्चों की पहुॅच से दूर रखें, पूरी सावधानी के साथ प्रयोग करें, रसायनों का प्रयोग करते समय हाथ में दस्ताने पहने और प्रयोग करने के पश्चात हाथ-मुॅह को अच्छी तरह से साबुन से धुल लें। जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि कृषक कीट/रोग सम्बन्धित किसी भी समस्या/सुझाव हेतु सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली (पी.सी.एस.आर.एस.) के नम्बर 9452247111 एवं 9452257111 पर व्हाटसएप या टेक्सट मैसेज कर कीट/रोग के नियन्त्रण के सम्बन्ध में सलाह प्राप्त कर सकते है। 

                    

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