बहराइच जनपद के कतर्नियाघाट वन्य जीव विहार के मध्य भारत नेपाल सीमा पर बसे राजस्व ग्राम भरथापुर में जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक ने चौपाल लगाकर जन समस्याओं को सुना
बहराइच -भरथापुर के ग्रामीणों ने अपना दुख दर्द बताते हुए कहा कि उनका गांव दो तरफ जंगल से घिरा हुआ है तथा तथा दो तरफ गेरुआ और कौड़ियाला नदी से घिरा हुआ है इस नाते जहां एक और उन्हें जंगल के जानवरों से लगातार खतरा बना रहता है वहीं दूसरी ओर उनकी कृषि योग्य भूमि लगातार कौड़ियाला और गेरुआ नदी में समाती हुई चली जा रही है। गांव वालों ने कहा कि हम लोग पिछले वर्ष 2008 से पुनर्स्थापन की मांग कर रहे हैं लेकिन हमारे पुनर्स्थापन की व्यवस्था नहीं हो पा रही है सिर्फ हमें आश्वासन पर आश्वासन मिलता है। ग्रामीणों ने कहा कि ना तो हमारे गांव तक पहुंचने के लिए हमें रास्ता मिल पा रहा है और ना ही शासन प्रशासन द्वारा चलाई जा रही खाद्यान्न योजनाओं का लाभ। आंगनबाड़ी और टीकाकरण, पक्के शौचालय उनके लिए एक सपना के समान है। जंगल क्षेत्र होने के नाते अध्यापक भी उनके गांव में कभी-कभी पहुंच पाते हैं।
चौपाल कार्यक्रम के बाद भरथापुर गांव का जिला अधिकारी मोनिका रानी तथा पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा ने पैदल घूम कर भ्रमण किया और जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास एवं पुष्टाहार को तत्काल निर्देश किए कि वन विभाग के वाहन सहयोग से आंगनवाड़ी द्वारा संचालित समस्त सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। साथ ही जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि वह सुनिश्चित करें कि गांव में ही ला करके खाद्यान्न का वितरण करना सुनिश्चित करें। गांव के लोगों को इतना दूर खाद्यान्न लेने के लिए जाना ना पड़े। जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया कि भारत सरकार के द्वारा एक टीम का गठन किया गया है जो भरथापुर की विजिट करके शासन को रिपोर्ट सौंपेगी ।उसके उपरांत पुनर्स्थापन की व्यवस्था हो सकेगी । उन्होंने कहा कि पांच वनग्राम जो राजस्व ग्राम में परिवर्तित हुए हैं उनमें ढांचागत विकास की प्रगति के लिए शीघ्र ही वह विजिट करेंगी। जिला अधिकारी के भरथापुर विजिट के दौरान डीएफओ आकाशदीप बधावन, उप जिलाधिकारी मोतीपुर डॉ संजय कुमार , खंड विकास अधिकारी अजीत कुमार सिंह ,बेसिक शिक्षा अधिकारी अव्यक्त राम तिवारी आदि मौजूद रहे। सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी ने जिलाधिकारी को भरथापुर के इतिहास व वर्तमान समस्याओं से अवगत कराते हुए जिला स्तर पर स्वैच्छिक संगठनों को शामिल करते हुए विशेष समिति गठित किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि समिति गठित करके पूरी पारदर्शिता के साथ भरथापुर के पुनर्वास की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए।
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