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Jun 11, 2023

शायराना अंदाज की इन लाइनों का जनता लगा रही मायने

 

शायरी पेश कर पहलवानों पर बृजभूषण सिंह ने साधा निशाना।


महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों से घिरे कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने गोण्डा जिले में रघुराज शरण सिंह महाविद्यालय नकहा बसंत बालपुर में आयोजित भारतीय जनता पार्टी की सभा को संबोधित करते हुए विपक्षी पार्टियों में खासकर कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत में एक शेर ओ शायरी के साथ अपना दर्द बयान किया।सांसद ने रविवार को गोण्डा में बड़ी रैली कर अपनी ताकत दिखाई। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सर्व प्रथम सभी कार्यकर्ताओं, माताओं, बहनों को हाथ जोड़कर प्रणाम करता हूँ। कहा कि मीडिया वाले मुझे बड़ी तिरछी नजरों से देख रहे हैं। गोंडा के बालपुर क्षेत्र में स्थित रघुराज शरण सिंह महाविद्यालय में मोदी सरकार के 9 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने एक जनसभा का आयोजन किया था। इस जनसभा में मुख्य अतिथि के रूप में मध्य प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन सिंह यादव भी मौजूद थे। अपने पैतृक आवास विश्नोहरपुर नवाबगंज से भारी जनसमर्थन के साथ लगभग 60 किलोमीटर की रैली निकालकर सांसद बृजभूषण शरण सिंह जनसभा स्थल पर पहुंचे। जनता को संबोधित करते हुए सांसद ने शुरुआत एक शायरी के साथ की। उससे पहले सांसद ने मीडिया वालों पर तंज कसते हुए कहा कि मीडिया वाले बड़ी तिरछी नजर से देख रहे हैं।



सांसद बृजभूषण शरण सिंह का शायराना अन्दाज़ का जनता लगा रही मायने


कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र जनपद गोण्डा में भाजपा सरकार के 9 साल पूरे होने पर आयोजित जनसभा में सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने अपने संबोधन की शुरूआत शायरी से की।


“अश्क, गम, जहर पिया जाता है, तब कहीं जाकर जमाने में जिया जाता है।


ये मिला मुझको जमाने से मोहब्बत का सिला, बेवफा कहकर मुझे याद किया जाता है।


इसे रुसवाई कहें या शोहरत अपनी, दबे होठों से मेरा नाम लिया जाता है।”


 शायरी का सहारा लेते हुए सांसद बृजभूषण ने जंतर मंतर पर बैठे पहलवानों पर निशाना साधा। सांसद ने शायरी में कहा कि कभी अश्क, कभी गम, कभी जहर पिया जाता है,तब कभी जाके जमाने में दिया जाता है, ये मिला मुझको मोहब्बत का सिला, बेफवा कहकर मेरा नाम लिया जाता है। इसको रुसवाई कहे कि शोहरत अपनी, दबे होठों से मेरा नाम लिया जाता हैं। बृजभूषण सिंह ने कहा कि हम खुद से सवाल करते हैं और कई बार यह नहीं सोंच पाते हैं कि अब तक क्या खोया और क्या पाया।

सांसद ने मंच से विपक्ष पर खासकर कांग्रेस पर लगातार निशाना साधा। कांग्रेस पर सांसद ने निशाना साधते हुए कहा कि सन 1947 में देश आजाद हुआ और उसी समय देश का बंटवारा हुआ। अभी बंटवारे का घाव अभी पूरा नहीं हुआ था पाकिस्तान की सेना के भेष में कबाइली हमला कर दिया। 78 हज़ार वर्ग किलोमीटर जमीन आज भी पाकिस्तान के कब्ज़े में हमारे देश की हैं। ये काम किसके समय में हुआ, ये काम भी कांग्रेस के समय में हुआ और उस समय के प्रधानमंत्री थे पं० जवाहर लाल नेहरू, पहला काम। उसके बाद सन् 1962 में चीन हमारे देश के ऊपर आक्रमण करता है और चीन के कब्जे में 33 हज़ार वर्ग किलोमीटर जमीन है। ये काम भी किसके समय में हुआ कांग्रेस के, सन् 1971 में हिंदुस्तान के इतिहास में एक अभूतपूर्व घटना घटी कि पाकिस्तान के 92 हज़ार सैनिकों को हमारी देश की सेना ने बंदी बनाया था। लेकिन उस समय एक अवसर था हमारे पास, अगर सशक्त प्रधान होता, मजबूत भारत होता, दृढ़ इच्छाशक्ति वाला भारत होता, मोदी वाला भारत होता, तो 92 हज़ार सैनिक जाने के पहले पाकिस्तान द्वारा जो हमारी जमीन कब्जा करके रख ली गई है इन सारी समस्याओं का निदान हो सकता था। यदि कांग्रेस के प्रधानमंत्री की जगह नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री होते, भारतीय जनता पार्टी का प्रधानमंत्री होता तो 92 हज़ार सैनिक यूं ही न चले जाते। सांसद ने फिर कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए मंच से कहा कि सन 1975 में देश में इमरजेंसी लगाई गई। देश के तमाम नेता जहां पर बंद थे वहीं पर हमारे जिले गोंडा के बहुत से नेता बंद थे उसमें हमको भी जाने का मौका मिला था। मैं कहना चाहता हूँ कि इस देश में एक तरीके से लोकतंत्र की हत्या की गई, देश में इमरजेंसी लगाई गई। उस समय भी कांग्रेस की ही सरकार थी। और 1984 में सिक्खों का जब कत्लेआम किया गया तो उस समय भी कांग्रेस की ही सरकार थी। जब आतंकवादियों के लिए इस देश में यह नियम है कि आतंकवादियों को फांसी ना होने पाए रात में सुप्रीम कोर्ट का ताला तुड़वाया गया तब भी कांग्रेस की ही सरकार थी दूसरे की सरकार नही थी।

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