पर्याप्त संख्या में नावों नाविकों व गोताखोरों की व्यवस्था हो - डीएम
बाढ़ आने से पूर्व ही कर ली जाएं सभी तैयारियां - डीएम
जिले में संभावित बाढ़ व बंधों के कटान आदि से बचाव एवं सुरक्षा के मद्देनजर सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम डॉ उज्ज्वल कुमार की अध्यक्षता में बाढ़ स्टीयरिंग कमेटी की बैठक हुई। इसमें डीएम ने जनपद में बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील इलाकों में संभावित बाढ़ से पूर्व की गयी तैयारियों की समीक्षा की, साथ ही बंधों, बाढ़ चौकियों, आश्रय स्थलों, बाढ़ के दौरान फैलने वाली संक्रामक बीमारियों आदि के बारे में संबंधित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
डीएम ने जनपद के चारों तहसीलों के एसडीएम को अपने-अपने तहसीलों में बाढ़ से बचाव के दृष्टिगत किए जा रहे प्रबंधों एवं आवश्यक व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण करते रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ संभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर स्थानीय लोगों से किसी भी संभावित समस्या के बारे में पहले से ही जानकारी प्राप्त कर इसका निस्तारण सुनिश्चित करा लिया जाए। डीएम ने डीपीआरओ को निर्देशित किया कि शत प्रतिशत हैंडपंपों को क्रियाशील रखते हुए स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित रखी जाए। उन्होंने बाढ़ के दौरान किसी भी संक्रामक बीमारी को फैलने से रोकने के लिए आवश्यक और जीवन रक्षक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित रखने के निर्देश सीएमओ को दिए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में मेडिकल कैंप लगाकर दवाओं का वितरण किया जाये।
सभी तटबंधों की मरम्मत करने निर्देश उन्होंने सभी तटबंधों की मरम्मत ससमय करने के लिए कहा और बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील गांवों में हैण्डपम्पों को रीबोर और ऊंचा करने का निर्देश दिया, ताकि स्वच्छ जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। जिलाधिकारी ने बाढ़ चौकी व शेल्टर होम, नालों की सफाई, पशुओं के टीकाकरण, उनके लिए भूसे की उपलब्धता, आवश्यक दवाओं की व्यवस्था के संदर्भ में भी जरूरी निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया। उन्होंने कहा कि बाढ़ आते ही राहत सामग्री वितरित होना शुरू हो जाए इसमें कोई भी विलंब नहीं होना चाहिए।
राहत सामग्री हेतु अभी से करायें टेंडर
डीएम ने सभी एसडीएम को कहा कि बाढ़ के दौरान राहत सामग्री आदि को क्रय करने हेतु अभी से टेंडर करा लें। टेंडर में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि पिछले वर्ष आपूर्ति न कर पाने वाले टेंडर दाताओं को शामिल ना किया जाए। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित गांवों में पर्याप्त मात्रा में नाव खरीद ली जाएं। बाढ़ प्रभावित ग्रामों में जाकर प्रधान के साथ बैठक की जाए। पर्याप्त मात्रा में बाढ़ चौकी बनाई जाए, राहत किट तैयार की जाए, पशुओं के लिए चारे, दवा आदि की पर्याप्त व्यवस्था पहले से की जाये। उन्होंने कहा कि गांव में जाकर अभी से लोगों को बाढ़ से बचाव के बारे में बताया जाए। गोताखोरों को चिन्हित कर उन्हें ट्रेनिंग दे दी जाए। किसानों के फसलों का सर्वे कर उन्हें बीमा कराने के लिए प्रेरित किया जाए। स्कूलों में जाकर बच्चों को बाढ़, भूकंप, आग आदि आपदाओं के दौरान “क्या करें और क्या न करें” के बारे में विस्तार से बताया जाए जिससे कि बच्चे किसी भी आपदा के दौरान भयभीत ना हो और आसानी से अपना बचाव कर सकें।
बैठक में , सीआरओ महेश प्रकाश, अपर जिलाधिकारी सुरेश कुमार सोनी, अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० रश्मि वर्मा, सिटी मजिस्ट्रेट अर्पित गुप्ता, उप जिलाधिकारी सदर गोंडा, तरबगंज, मनकापुर, कर्नलगंज, जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव, एक्सईएन बाढ़ खंड विश्वनाथ शुक्ला, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, विद्युत विभाग, लोक निर्माण विभाग खंड-1 सहित सभी अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।
रिपोर्ट- मुन्नू सिंह
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