उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार एवं माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा ब्रजेन्द्र मणि त्रिपाठी के आदेश के अनुपालन में एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के सचिव नितिन श्रीवास्तव अपर जिला जज/एफटीसी के निर्देशों के अनुक्रम में आज दिनांक-30.05.2023 को गोण्डा के तहसील तरबगंज एवं तहसील करनैलगंज के सभागार में एक विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के सचिव श्री नितिन श्रीवास्तव अपर जिला जज/एफटीसी के निर्देश पर तहसील करनैलगंज सभागार में तहसीलदार नरसिंह नरायन वर्मा की अध्यक्ष्ता में एवं नायब तहसीलदार रोहित कुमार की उपस्थिति में ए0डी0आर0, लोक अदालत एवं मध्यस्थता के लाभ, शिक्षा का अधिकार एवं मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना विषय पर एक शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता कर रहे तहसीलदार द्वारा उपस्थित लोगों को ए0डी0आर0, मध्यस्थता व लोक अदालत के लाभ के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया गया कि ए0 डी0 आर0 का अर्थ है वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र, जिसके अन्तर्गत विवाद समाधान की वे प्रक्रियाऐं व तकनीकें आती हैं जो विवाद में उलझे पक्षों को बिना मुकदमें के ही विवाद का समाधान खोजने में सहायता करती हैं। उनके द्वारा मध्यस्थता एवं लोक अदालत के लाभ की जानकारी देते हुए यह भी बताया गया कि इस प्रक्रिया में विवाद का अविलम्ब व शीघ्र समाधान हो जाता है, समय व खर्चो की बचत होती है। न्यायालय की जटिल प्रक्रिया से राहत मिलती है। यह एक अत्यधिक सरल एवं निष्पक्ष प्रक्रिया होती है, विवाद का हमेशा के लिए प्रभावी एवं सर्वमय समाधान हो जाता है। यह पूर्णतः एक अनौपचारिक एवं निजी प्रक्रिया होती है। यह प्रक्रिया सामाजिक सद्भाव कायम रखने में सहायक होती है तथा लोक अदालत में निस्तारित मामले की कोई अपील न तो उच्च न्यायालय में होती है और न ही सर्वोच्च न्यायालय में होती है। लोक अदालत में वाद के निस्तारण के पश्चात उभय पक्षकार द्वारा जमा की गयी कोर्ट फीस को प्राप्त करने के वे अधिकारी हो जाते हैं। इस प्रकार लोक अदालत में निस्तारित वाद सें विवाद का अन्तिम रूप से निपटारा हो जाता है। सभा में उपस्थित तहसीलदार द्वारा बाल एवं शिक्षा के अधिकार के बावत जानकारी देते हुये बताया गया कि 06 से 14 वर्ष के आयु के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा का मौलिक अधिकार प्राप्त है। निःशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के अनुसार 6 से 14 वर्ष के आयु के प्रत्येक बच्चे को निःशुल्क शिक्षा प्रदान किया जाना अनिवार्य है।
इसके अतिरिक्त अव्यस्क बालक को शिक्षा स्वास्थ्य, समानता, निजता, अभिव्यक्ति व दैहिक स्वतंत्रता इत्यादि का मौलिक अधिकार भी प्राप्त है। सभा में उपस्थित नायब तहसीलदार रोहित कुमार द्वारा जानकारी देते हुये बताया गया कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान पीड़ित ऐसे बच्चे, जिन्होंने इस महामारी में अपने माता-पिता अथवां अभिभावक खो दिये हैं और उनकी देख-रेख एवं पालन-पोषण करने वाला कोई नही है, उन बच्चों के पालन-पोषण एवं शिक्षा-दीक्षा हेतु उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना चलायी जा रही है। इसके साथ आज दिनांक-30.05.2023 को ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के सचिव नितिन श्रीवास्तव अपर जिला जज/एफटीसी के निर्देश पर नायब तहसीलदार राम प्रताप पाण्डेय की अध्यक्षता में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन तहसील तरबगंज के सभागार में किया गया। नायब तहसीलदार तरबगंज राम प्रताप पाण्डेय द्वारा अपने सम्बोधन में महिला सशक्तीकरण एवं लैंगिक समानता पर जानकारी देते हुये बताया गया कि महिलाओं के लिये विविध संवैधानिक अधिकार है एवं भारत के संविधान के राज्य के नीति-निर्देशक सिद्धान्तों में लैंगिक समानता के सन्दर्भ में अधिनियम/नियम बनाने हेतु केन्द्र सरकार/राज्य सरकार को आदेशित किया गया है। उक्त के अनुपालन में केन्द्र सरकार/राज्य सरकार द्वारा लैंगिक समानता पर विभिन्न नियम बनाये गये हैं, जैसे कि बालिकाओं को बालकों के समान शिक्षा का अधिकार, समान कार्य के लिये समान वेतन, बालिकाओं की शिक्षा हेतु आवासीय शैक्षिक संस्थाओं, सरकारी नौकरियों में महिलाओं को आरक्षण इत्यादि, इसके अलावा नगरीय एवं पंचायत चुनाव में महिलाओं की भागीदार बढ़ाने हेतुे सीटें आरक्षित की गयी है। इसके अतिरिक्त नायब तहसीलदार द्वारा महिलाओं के लिये बनायी गयी सरकारी योजनाओं यथा महिला सुमंगला योजना, महिला हेल्पलाइन 1090, शक्ति मोबाइल, महिला साइबर सेल के बावत लाभकारी जानकारी प्रदान की गयी।
रिपोर्ट- मुन्नू सिंह
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