शख्सियत हो तो ऐसी हो, खिलाफत भी पनाह मांगे!
हैसियत हो तो ऐसी हो, सियासत भी पनाह मांगे!!
उपरोक्त पंक्तियां पूर्वांचल के बाहुबली ब्राह्मण नेता हरिशंकर तिवारी के जीवन पर सटीक बैठती हैं। राजनीतिक जीवन को अपनी शर्तों पर जीया और अपने समर्थकों के दिलों पर एकछत्र राज किया।
आज शाम पूर्वांचल के बाहुबली पंडित हरिशंकर तिवारी का मंगलवार को निधन हो गया। उन्होंने गोरखपुर के धर्मशाला बाजार स्थित तिवारी हाता में अपने आवास पर शाम 7.30 बजे आखिरी सांस ली। वह करीब 90 साल के थे और काफी समय से अस्वस्थ्य चल रहे थे। बुधवार को बड़हलगंज स्थित मुक्ति पथ पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
हरिशंकर तिवारी का जन्म बड़हलगंज के टांड़ा गांव में 6 अगस्त, 1934 को हुआ था। वह चिल्लूपार से लगातार 6 बार विधायक रहने के दौरान कल्याण सिंह से लेकर मुलायम सिंह यादव की सरकार में अलग-अलग विभागों के कैबिनेट मंत्री रहे। उनके देहांत के समय उनके ज्येष्ठ पुत्र भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी और पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी घर पर ही मौजूद थे। उनके घर पर बड़ी तादाद में समर्थक भी पहुंच चुके हैं। पूर्व सीएम और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया है।
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