गोंडा-उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से प्राप्त दिशा निर्देशों के अनुक्रम में तथा माननीय जनपद न्यायाधीश ब्रजेन्द्र त्रिपाठी के आदेश के आलोक में नितिन श्रीवास्तव, अपर जिला जज/एफटीसी-द्वितीय/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि वैवाहिक विवाद से सम्बन्धित प्रीलिटिगेशन प्रार्थना पत्रों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा द्वारा उसका समाधान आगामी 11फरवरी, 2023 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में कराया जायेगा।
सचिव द्वारा बताया गया कि पति एवं पत्नी के मध्य विभिन्न कारणों से उत्पन्न हुए विवादों के सम्बन्ध में प्रीलिटिगेशन प्रार्थना पत्र पति अथवा पत्नी अथवा उनके नजदीकी रिश्तेदारों द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में स्वयं अथवा किसी व्यक्ति के माध्यम से दिया जा सकता है। प्रीलिटिगेशन प्रार्थना पत्र में प्रार्थी/प्रार्थिनी का नाम व पता, फोन नम्बर, फोटो एवं पहचान पत्र के साथ दिया जा सकता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा विपक्षी को नोटिस भेजकर उसे बुलाया जायेगा और लोक अदालत के माध्यम से विशेषज्ञों द्वारा पक्षकारों को समझा बुझाकर कर समझौता कराया जायेगा। पक्षकारों द्वारा आपसी सहमति से किये गये समझौते के सम्बन्ध में लोक अदालत अपना निर्णय पारित करेगा और उक्त निर्णय पक्षों के मध्य सिविल न्यायालय की डिक्री के समान बाध्यकारी होगा।
लोक अदालत के द्वारा पारित निर्णय किसी अन्य न्यायालय में चुनौती नही दी जा सकती है और उक्त निर्णय अन्तिम माना जायेगा। पक्षकारों के द्वारा आपसी सहमति से किया गया समझौता वैवाहिक विवादों का समाधान करेगा और न्यायालयों में मुकदमों की संख्या में कमी होगी।
भारत का हर परिवार, हो सुखी और खुशहाल।
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